Universal Kidney: अब नहीं रुकेगा किसी भी ब्लड ग्रुप के मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट, वैज्ञानिकों ने बना ली यूनिवर्सल किडनी

Universal Kidney: अब नहीं रुकेगा किसी भी ब्लड ग्रुप के मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट, वैज्ञानिकों ने बना ली यूनिवर्सल किडनी
By : | Edited By: Sonam | Updated at : 17 Oct 2025 10:35 AM (IST)
Quick Summary

This article highlights: Universal Kidney: अब नहीं रुकेगा किसी भी ब्लड ग्रुप के मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट, वैज्ञानिकों ने बना ली यूनिवर्सल किडनी. In context: किडनी की बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए गुड न्यूज है कनाडा और चीन के वैज्ञानिकों ने मिलकर ऐसी ‘यूनिवर्सल किडनी’ बनाई है, जो हर ब्लड ग्रुप वाले मरीज के लिए काम कर सकती है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

किडनी की बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए गुड न्यूज है. कनाडा और चीन के वैज्ञानिकों ने मिलकर ऐसी ‘यूनिवर्सल किडनी’ बनाई है, जो हर ब्लड ग्रुप वाले मरीज के लिए काम कर सकती है. इसका मतलब यह है कि अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर ढूंढने का झंझट खत्म हो सकता है. इस खोज से न सिर्फ वेटिंग लिस्ट छोटी होगी, बल्कि लाखों जिंदगियां भी बचेंगी. आइए जानते हैं कि क्या है यूनिवर्सल किडनी और इसकी खोज कैसे की गई?

किडनी ट्रांसप्लांट में सबसे ज्यादा आती है यह दिक्कत

किडनी ट्रांसप्लांट की दुनिया में सबसे ज्यादा मुश्किल ब्लड ग्रुप के मिलान में होती है. अगर डोनर और मरीज का ब्लड ग्रुप एक नहीं है तो किडनी को शरीर एक्सेप्ट नहीं करता है. मान लीजिए किसी का ब्लड ग्रुप A है और उसे B टाइप की किडनी दी जाए तो शरीर उसे ‘बाहरी’ समझकर रिजेक्ट कर देता है. इस रिजेक्शन से बचने के लिए मरीज को काफी दवाइयां दी जाती हैं. ये दवाएं काफी महंगी होती हैं और कई बार ये जान नहीं बचा पाती हैं.

यह ब्लड ग्रुप होता है यूनिवर्सल डोनर

बता दें कि ओ टाइप का ब्लड ग्रुप 'यूनिवर्सल डोनर' कहलाता है, क्योंकि इस ग्रुप वाले की किडनी A, B, AB या O किसी भी ब्लड ग्रुप वाले मरीज को दी जा सकती है. हालांकि, समस्या यह है कि O टाइप की किडनी बहुत कम मिलती है. इसकी डिमांड इतनी ज्यादा है कि अमेरिका में रोजाना करीब 11 लोग किडनी न मिलने की वजह से मर जाते हैं. भारत में भी लाखों मरीज डायलिसिस पर जिंदगी काट रहे हैं, क्योंकि उनके लिए सही डोनर नहीं मिलता. इसके अलावा वेटिंग लिस्ट इतनी लंबी है कि कई मरीज इंतजार करते-करते दुनिया छोड़ देते हैं.

कैसे तैयार की गई यूनिवर्सल किडनी?

अब वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया है. कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के बायोकेमिस्ट स्टीफन विथर्स और उनकी टीम ने 10 साल की मेहनत के बाद ऐसी किडनी बनाई है, जो हर ब्लड ग्रुप के मरीज के लिए फिट बैठेगी. इसे 'यूनिवर्सल किडनी' नाम दिया गया है. यह किडनी O टाइप की तरह काम करती है, यानी इसे किसी भी ब्लड ग्रुप वाले मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है.

कैसे बनाई गई यह किडनी?

अब सवाल उठता है कि यह किडनी कैसे बनाई गई? दरअसल, ब्लड ग्रुप A, B या AB की किडनी की सतह पर कुछ खास शुगर मॉलिक्यूल्स (एंटीजेंस) होते हैं. ये एंटीजेंस शरीर को बताते हैं कि किडनी 'अपनी' है या 'बाहरी.' O टाइप की किडनी में ये एंटीजेंस नहीं होते, इसलिए इसे हर कोई एक्सेप्ट कर लेता है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने A टाइप की किडनी ली और उसमें खास एंजाइम्स (प्रोटीन) इस्तेमाल किया. ये एंजाइम्स एक तरह की 'जादुई कैंची' की तरह काम करते हैं, जो A टाइप की किडनी से एंटीजेंस को काट देते हैं. इससे किडनी O टाइप की तरह हो जाती है.

कैसे टेस्ट की गई यूनिवर्सल किडनी?

वैज्ञानिकों ने इस यूनिवर्सल किडनी को एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के शरीर में टेस्ट किया. परिवार की सहमति से हुए इस टेस्ट में किडनी कई दिनों तक काम करती रही. इसने खून को साफ किया. वेस्ट मटेरियल हटाया और सामान्य किडनी की तरह काम किया. तीसरे दिन किडनी में A टाइप के कुछ हल्के निशान दिखे, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा एक्टिव हुआ. हालांकि, यह रिएक्शन सामान्य से बहुत कम था.

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-

Content compiled and formatted by The Headline World editorial team.

📚 Related News