साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम? सरकार ला रही है नए नियम, जानें क्या बदलेगा

साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम? सरकार ला रही है नए नियम, जानें क्या बदलेगा
By : | Edited By: प्रमोद कुमार | Updated at : 25 Oct 2025 12:53 PM (IST)

Show Quick Read Key points generated by AI, verified by newsroom पिछले कुछ समय से देश में साइबर फ्रॉड तेजी से बढ़े हैं. इसके चलते लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए अब सरकार नए नियम लाने जा रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने टेक इंडस्ट्री के लिए नए साइबर सिक्योरिटी नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. लगातार बढ़ रहे साइबर फ्रॉड को रोकने के उद्देश्य से नए नियम लाए जा रहे हैं और ये जियो, बीएसएनल और एयरटेल समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों पर लागू होंगे.

लॉन्च होगा नया मोबाइल नंबर वैलिडेशन प्लेटफॉर्म नए नियमों के तहत दूरसंचार विभाग एक नया मोबाइल नंबर वैलिडेशन (MNV) प्लेटफॉर्म डेवलप करेगा. इस पर यह वेरिफाई किया जा सकेगा कि टेलीकॉम कंपनी के पास जिस यूजर की KYC डिटेल है, क्या वही किसी मोबाइल नंबर को यूज कर रहा है. आगामी कुछ महीनों में यह प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जा सकता है. क्या होगा इस प्लेटफॉर्म का फायदा? इस प्लेटफॉर्म के जरिए बैंक, वित्तीय और बीमा संस्थाएं नया अकाउंट खोलते समय कस्टमर के मोबाइल नंबर को वेरिफाई कर सकेंगी. अभी तक ऐसा कोई कानूनी तंत्र नहीं है, जिससे बैंक अकाउंट से लिंक हुए मोबाइल नंबर को वेरिफाई किया जा सके.

साइबर फ्रॉड में मोबाइल नंबरों के दुरुपयोग को देखते हुए यह एक जरूरी कदम माना जा रहा है. इस बात को लेकर जताई जा रही चिंता नए नियमों को लेकर सब कुछ सही नहीं है. कई विशेषज्ञ यह चिंता जता रहे हैं कि नॉन-टेलीकॉम कंपनियों को इन नियमों के तहत लाने से यूजर प्राइवेसी को बड़ा खतरा हो सकता है. इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियमों के तहत दूरसंचार विभाग के तहत आने वाली संस्थाओं और कंपनियों को बैंक और वित्तीय संस्थानों के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि दूरसंचार विभाग के अधिकार केवल टेलीकॉम कंपनियों और उससे लाइसेंस प्राप्त फर्म्स तक ही हैं.

ऐसे में नॉन-टेलीकॉम फर्म्स को नियमों में शामिल करने पर चिंता जताई जा रही है.

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