Cough Syrup Ban: किन-किन राज्यों में कफ सिरप पर लगा बैन, वहां सिरप बेचा तो कितनी मिलेगी सजा?

Cough Syrup Ban: किन-किन राज्यों में कफ सिरप पर लगा बैन, वहां सिरप बेचा तो कितनी मिलेगी सजा?
By : | Updated at : 07 Oct 2025 03:55 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: Cough Syrup Ban: किन-किन राज्यों में कफ सिरप पर लगा बैन, वहां सिरप बेचा तो कितनी मिलेगी सजा?. In context: Cough Syrup Ban: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत के बाद कई राज्यों में कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है इसमें प्रसिद्ध कोल्ड्रिफ भी शामिल है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

Cough Syrup Ban: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत के बाद कई राज्यों में कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसमें प्रसिद्ध कोल्ड्रिफ भी शामिल है. आइए जानते हैं किन राज्यों में प्रतिबंध लगाया गया है और उल्लंघन करने पर कितनी सजा हो सकती है.

कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य

जिन राज्यों ने तत्काल कार्रवाई की है उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. मध्य प्रदेश ने कोल्ड्रिफ और नेस्ट्रो डीएस पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसी तरह राजस्थान ने भी प्रतिबंध लगाया है. इतना ही नहीं बल्कि केरल और तमिलनाडु के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और पंजाब ने भी प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही महाराष्ट्र ने भी सिरप के संबंध में अलर्ट जारी कर दिया है और छत्तीसगढ़ ने भी निगरानी बढ़ा दी है. छत्तीसगढ़ में 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप के उपयोग पर सख्त दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

कितना होगा दंड

आपको बता दें कि भारत में प्रतिबंधित या फिर मिलावटी कफ सिरप बेचना एक गंभीर आपराधिक मामला है. औषधि एवं प्रशासन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27 A के तहत यदि कोई भी व्यक्ति मिलावटी दवा देकर किसी की मृत्यु का कारण बनता है तो उसे कम से कम 10 साल या फिर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. भारतीय न्याय संहिता में भी यह प्रावधान है कि मिलावटी दवाई बेचने के दोषी पाए जाने पर एक साल तक की जेल हो सकती है.

जन जागरूकता और सुरक्षा उपाय

माता-पिता को यह सलाह दी जा रही है कि वे कफ सिरप का इस्तेमाल 2 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए बंद कर दें. प्रभावित राज्यों में प्रतिबंध और बिना जांच की गई दवाओं के खतरों के बारे में जनता को जानकारी देने के लिए एडवाइजरी जारी की जा रही है. इसी के साथ आगे की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फार्मेसी, अस्पताल और दवा वितरकों पर निगरानी की जा रही है. अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित सिरप को बेचने और उसे लिखने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. कई राज्यों में औषधि नियंत्रकों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उस सिरप के स्टॉक को फ्रिज भी कर दिया गया है.

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