मुंबई: 40 दिन में 58 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट का पुलिस ने किया पर्दाफाश

मुंबई: 40 दिन में 58 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट का पुलिस ने किया पर्दाफाश
By : | Edited By: ज़हीन तकवी | Updated at : 17 Oct 2025 05:24 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: मुंबई: 40 दिन में 58 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट का पुलिस ने किया पर्दाफाश. In context: महाराष्ट्र पुलिस ने अब तक के सबसे बड़े डिजिटल स्कैम का पर्दाफाश किया है साइबर क्रिमिनल ने पीड़ितों से 58 करोड़ का चूना लगाया है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

महाराष्ट्र पुलिस ने अब तक के सबसे बड़े डिजिटल स्कैम का पर्दाफाश किया है. साइबर क्रिमिनल ने पीड़ितों से 58 करोड़ का चूना लगाया है. खास बात यह है कि इस मामले के पीड़ित कम पढ़े-लिखे नहीं, बल्कि बेहद पढ़े-लिखे, उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. बता दें, पीड़ित 72 वर्ष के हैं और उनकी पत्नी भी बेहद पढ़ी-लिखी हैं.

पीड़ित कई फार्मा कंपनियों में उच्च पद पर काम कर चुके हैं. अभी भी उनकी कई कंपनियां हैं और पत्नी भी बड़े बैंक में काम कर चुकी हैं. लेकिन जालसाजों का तरीका इतना शातिराना था कि पढ़े-लिखे दंपत्ति समझ ही नहीं पाए कि उनके साथ क्या हुआ. पुलिस ने ठगी के मामले में 7 को गिरफ्तार किया है.

यहां से शुरू हुआ ठगी का खेल

पीड़ितों के साथ ठगने की शुरुआत 19 अगस्त से हुई. 19 अगस्त को पीड़ित को वीडियो कॉल आया. साइबर जालसाजों ने उन्हें कहा कि वे CBI ऑफिस से हैं और बताया गया कि उनका बैंक अकाउंट मनी-लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है. कहा गया कि उनके अकाउंट से 45 लाख का मनी-लॉन्ड्रिंग हुआ है, इसलिए कानूनी कार्रवाई होगी और सभी अकाउंट व संपत्ति सीज की जाएगी.

वीडियो कॉल के दौरान सामने वाले जालसाज पुलिस अफसर की वर्दी पहने हुए थे. जालसाजों ने दंपत्ति को यकीन दिलाने के लिए वीडियो कॉल पर ही पुलिस स्टेशन और कोर्ट का सेट-अप बनाया था. कोर्ट के ऑर्डर व्हाट्सऐप पर भेजे जाते थे, ताकि सब कुछ वास्तविक लगे.

आरोपियों ने पीड़ितों को धमकाया

आरोपियों ने पीड़ितों को डराया-धमकाया और उनके प्रॉपर्टी, म्यूचुअल फंड, इनवेस्टमेंट और बैंक अकाउंट की सारी जानकारी ली. दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट किया गया और हर दो घंटे में उनकी जानकारी ली जा रही थी. जालसाजों ने कहा कि अगर केस से बचना है तो पैसे उनके बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर करें. जब भी पीड़ित घर पर होते तो उन्हें कहा जाता था कि वीडियो कॉल ऑन रखें और जब बैंक जाएँ तो ऑडियो ऑन रखें.

इस तरह 40 दिनों में 58 करोड़ जालसाजों ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. 19 अगस्त से शुरू हुआ डिजिटल अरेस्ट और ठगने का यह खेल 40 दिनों तक चला और 29 सितंबर को आखिरी ट्रांजैक्शन किया गया था. इस दौरान दंपत्ति इतने डरे हुए थे कि उन्होंने किसी को कुछ बताया नहीं. उनके दो बच्चे विदेश में हैं, उन्हें भी जानकारी नहीं दी गई.

जब अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए पैसे खत्म हो गए तो दंपत्ति ने अपने दोस्त को बताया, दोस्त ने कहा कि कुछ गड़बड़ है. इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि ठगा गया है. फिर भी पीड़ितों ने 11 दिन बाद शिकायत दर्ज कराई और 10 अक्टूबर को इस मामले में FIR दर्ज की गई.

हरकत में आई पुलिस

पुलिस हरकत में आई और अब तक इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही 4 करोड़ रिकवर करने में भी कामयाबी मिली. पुलिस का कहना है कि जालसाज जालसाजी के क्षेत्र में काफी माहिर हो चुके हैं और पढ़े-लिखे लोग भी इनके शिकार हो जाते हैं.

इस मामले में भी जालसाजों ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया था. कॉल ट्रेस न हो पाए इसलिए VPN का इस्तेमाल किया गया. अलग-अलग फर्जी अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर करवाए गए. कई अकाउंट शेल कंपनियों के थे तो कुछ अकाउंट व्यक्तियों के थे. ट्रांसफर की गई कई बड़ी रकम विदेशों में निकाली गई.

मामले में अब तक 7 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. मामले की जांच अब भी जारी है. 9 टीम इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस सबसे बड़े डिजिटल स्कैम में और भी गिरफ्तारी होंगी.

एडीजी साइबर ने क्या कहा?

ADG, महाराष्ट्र साइबर, यशवि यादव का कहना है कि इस तरह के मामले तब तक नहीं रुकेंगे जब तक बैंकिंग सिस्टम दरुस्त नहीं किया जाएगा. फरजी अकाउंट खुल रहे हैं; इसके लिए सख्त नियम और दिशानिर्देश होने चाहिए. लोगों को भी जागरूकता जरूरी है.

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