Maharashtra News: विवाद मे फंसे एकनाथ शिंदे के मंत्री योगेश कदम, गन लाइसेंस वाले इस आदेश पर बवाल

Maharashtra News: विवाद मे फंसे एकनाथ शिंदे के मंत्री योगेश कदम, गन लाइसेंस वाले इस आदेश पर बवाल
By : | Updated at : 09 Oct 2025 02:37 PM (IST)
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This article highlights: Maharashtra News: विवाद मे फंसे एकनाथ शिंदे के मंत्री योगेश कदम, गन लाइसेंस वाले इस आदेश पर बवाल. In context: महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम एक नए विवाद में घिर गए हैं उन पर आरोप है कि उन्होंने पुणे के एक व्यापारी सचिन घायवाल को हथियार का लाइसेंस देने की सिफारिश की, जबकि सचिन के भाई निलेश घायवाल पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम एक नए विवाद में घिर गए हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने पुणे के एक व्यापारी सचिन घायवाल को हथियार का लाइसेंस देने की सिफारिश की, जबकि सचिन के भाई निलेश घायवाल पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.

दरअसल, पुणे पुलिस ने पहले सचिन के गन लाइसेंस आवेदन को अस्वीकार कर दिया था. हालांकि, बाद में सचिन ने राज्य गृह विभाग में अपील दायर की, जहां मंत्री योगेश कदम ने 26 जून 2025 को आदेश जारी कर दिया कि उसे हथियार का लाइसेंस देने की प्रक्रिया नियमो के मुताबिक शुरू की जाए.

दस्तावेजों और आदेशों का अवलोकन करने पर यह सामने आया कि अपीलकर्ता के खिलाफ 2010 से 2015 के बीच पुणे पुलिस कमिश्नरेट में तीन आपराधिक मामले दर्ज हुए थे. बाद में न्यायालय ने इन सभी मामलों में अपीलकर्ता को दोषमुक्त कर दिया, और उसके आदेश भी न्यायालय ने पेश किए.

अपीलकर्ता का कहना था कि 2015 के बाद उनके खिलाफ कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने बताया कि वे निर्माण (कंस्ट्रक्शन) के क्षेत्र में कार्यरत हैं, जहां बड़ी मात्रा में नकदी का लेन-देन होता है और प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस होता है.

राज्य के गृह राज्यमंत्री (शहरी) योगेश कदम ने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता का अपील आवेदन मंजूर किया जाता है, पुलिस आयुक्त, पुणे शहर द्वारा दिनांक 20 जनवरी 2025 को पारित आदेश को रद्द किया जाता है और पुणे शहर पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि वे निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए अपीलकर्ता को शस्त्र लाइसेंस प्रदान करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें.

गृह राज्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दी सफाई

इसके बाद सोशल मीडिया पर मंत्री कदम के इस आदेश को लेकर जब सवाल उठने लगे, तो उन्होंने X (ट्विटर) पर सफाई देते हुए कहा, “शिक्षक और व्यवसायी सचिन घायवळ द्वारा मेरे पास दायर शस्त्र लाइसेंस अपील प्रकरण में पुलिस विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दिन तक उनके विरुद्ध कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं था. उपलब्ध दस्तावेज़ों और माननीय न्यायालय द्वारा उन्हें निर्दोष करार देने के आदेश का अवलोकन करने के बाद, नियमानुसार इस प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई की गई है. इसलिए, वर्तमान में चर्चा में चल रहे अन्य प्रकरणों को अपील संदर्भ में मेरी नियमानुसार की गई कार्रवाई से जोड़ना पूरी तरह गलत और भ्रामक है.”

विपक्ष ने उठाए सवाल

मंत्री के इस आदेश को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. विपक्षी दलों का कहना है कि मंत्री ने कानून की प्रक्रिया को दरकिनार कर एक विवादित व्यक्ति के पक्ष में आदेश दिया है.

हालांकि गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मंत्री का आदेश आने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है, और पूरे मामले की दोबारा जांच की जा रही है.

कौन है निलेश घायवळ?

पुणे का नामी और विवादित चेहरा निलेश घायवळ महाराष्ट्र के कुख्यात गैंगस्टरों में से एक माना जाता है. पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक, वह एक सक्रिय आपराधिक नेटवर्क चलाता था और उसके राजनीतिक व कारोबारी संबंधों को लेकर कई विवाद खड़े हो चुके हैं.

उस पर जमीन घोटाला, पासपोर्ट में गलत जानकारी देना, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल, और गैरकानूनी संपत्ति अर्जित करने जैसे आरोप लगे हैं. पुलिस ने कुछ समय पहले उसके घर और दफ्तर पर छापेमारी कर कई जमीन के कागजात, बैंक पासबुक और वित्तीय दस्तावेज जब्त किए थे.

रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने पासपोर्ट में अपना नाम “गायवळ” लिखा था ताकि उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि छिपाई जा सके. उस पर फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग करने, हिंसा और धमकी जैसे मामलों के भी केस दर्ज हुए हैं.

राजनीतिक रूप से भी उसका नाम कई बार सुर्खियों में रहा. शिवसेना नेताओं ने भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील पर आरोप लगाया था कि उन्होंने निलेश घायवळ को संरक्षण दिया और विदेश भागने में मदद की.

इसके अलावा, एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक पहलवान द्वारा निलेश घायवळ को थप्पड़ मारने का वीडियो भी वायरल हुआ था.

फिलहाल जांच जारी

भले ही मंत्री योगेश कदम ने अपने आदेश को पूरी तरह नियमसंगत बताया हो, लेकिन इस मामले ने राज्य सरकार की पारदर्शिता और प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब गृह विभाग ने आदेश पर अस्थायी रोक लगाकर दोबारा जांच शुरू की है, ताकि यह तय किया जा सके कि कहीं नियमों की अनदेखी तो नहीं हुई.

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