'इंडस्ट्री में नहीं है नेपोटिज्म', 'एक दीवाने की दीवानियत' की सक्सेस के बाद बोले हर्षवर्धन राणे, कहा- इस शब्द का इस्तेमाल अब बंद करें

'इंडस्ट्री में नहीं है नेपोटिज्म', 'एक दीवाने की दीवानियत' की सक्सेस के बाद बोले हर्षवर्धन राणे, कहा- इस शब्द का इस्तेमाल अब बंद करें
By : | Edited By: निशा शर्मा | Updated at : 29 Oct 2025 12:41 PM (IST)

हर्षवर्धन राणे इन दिनों अपनी हालिया रिलीज़ ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की सक्सेस को एंजॉय कर रहे हैं. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी है. सोनम बाजवा स्टारर ये रोमांटिक ड्रामा बॉक्स ऑफिस पर अपनी 25 करोड़ की लागत से लगभग डबल कमाई कर चुकी है. वहीं हाल ही में, हर्षवर्धन और उनकी को एक्ट्रेस सोनम बाजवा गुजरात के एक थिएटर में अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए गए. शो के बाद, अभिनेता ने दर्शकों का आभार जताया और एक ऐसा बयान दिया जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.

दरअसल उन्होंने कहा कि एक दीवाने की दीवानियत और थामा का सक्सेस की वजह से दर्शकों ने बॉलीवुड के नेपोटिज्म को पूरी तरह खत्म कर दिया है. वहीं एबीपी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू के दौरान हर्षवर्धन ने क्लियर किया है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा था? नेपोटिज्म पर क्या बोले हर्षवर्धन राणेहर्षवर्धन ने कहा, “ मैं जज्बात में कभी ऐसी कोई बात नहीं बोलूंगा जो किसी को हर्ट करे. मैं पूरे अवेयरनेस के साथ ये बात बोलना चाहता हूं कि ये जो वर्ड (नेपोटिज्म) बना लिया गया है वो एक छोटे बच्चे को डराने के बराबर है कि जंगल में मत आओ वहां पर भूत है. मैं यही मैसेज देना चाहता हूं कि जंगल में कोई भूत नहीं है. ये नेपोटिज्म एक घोस्ट की तरह बना हुआ है एनटीटी है.

जो एक्टर आना चाहते हैं तो मेरा मकसद लाइफ में यही है कि मैं उनके मन से डर निकालू कि यहां पर कोई भूत नहीं है. जंगल में आओ अपनी चटाई अपना टिफिन लेकर आओ, अपने इंस्ट्रूमेंट्स लेकर आओ. हां जंगल में भूत आएंगे आपको उनसे डरना नहीं है रेडी रहना है. तो मैंने डर निकालने के लिए कहा है कि ये जो वर्ड आपके दिमाग में है नेपोटिज्म, काम नहीं मिल रहा है. दिवाली पर दो आउटसाइडर्स की फिल्म आई हैं.

अगर ये वर्ड था भी तो आपने तो ये खत्म कर दिया है. जो मैं लिस्ट बार-बार बोलता हूं, सर, अक्षय कुमार सर, जॉन अब्राहम, राजकुमार राव, आयुष्मान खुराना, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, इरफान खान ये सब तो बाहर से आए ही थे. लेकिन इस साल की फ्रेश लिस्ट में राघव जुयाल, रोहित सराफ, भुवन बाम, लक्षय ये सब शानदार काम कर रहे हैं तो कहां हैं नेपोटिज्म वर्ड, ये है ही नहीं. मेरी दरख्वास्त है इसे एक हौव्वा बनाना बंद करें और 2026 में ये शब्द यूज ही ना करें. थक जाओ इस शब्द से.

ये वर्ड एक एक्सक्यूज है.

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