Indian Air Force Day: '1971 से ऑपरेशन सिंदूर तक, दुश्मनों को दिया करारा जवाब', भारतीय वायुसेना दिवस पर बोले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह

Indian Air Force Day: '1971 से ऑपरेशन सिंदूर तक, दुश्मनों को दिया करारा जवाब', भारतीय वायुसेना दिवस पर बोले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह
By : | Edited By: रत्‍नाकर पाण्डेय | Updated at : 08 Oct 2025 12:11 PM (IST)
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This article highlights: Indian Air Force Day: '1971 से ऑपरेशन सिंदूर तक, दुश्मनों को दिया करारा जवाब', भारतीय वायुसेना दिवस पर बोले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह. In context: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने बुधवार (8 अक्टूबर) को कहा कि हमारे वीरों ने हर युग में इतिहास रचा है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान के 1971 के युद्ध को भी याद किया. एयर चीफ मार्शल ने गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर वायुसेना का 93वें स्थापना दिवस के मौके पर यह भी कहा कि वायुसेना हर परिस्थिति में पहली प्रतिक्रिया देने वाली शक्ति रही है.

एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा, ''मुझे गर्व है कि मैं ऐसी वायुसेना का हिस्सा हूं जो न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है बल्कि साहस और समर्पण में भी अतुलनीय है. हमारे वायुसेना के वीरों ने हर युग में इतिहास रचा है. 1948, 1971, 1999 के युद्ध हों या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक और हालिया ऑपरेशन सिंदूर, हर बार भारतीय वायुसेना ने देश की रक्षा और सम्मान की नई मिसाल कायम की है.''

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्या बोले एपी सिंह

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की निर्णायक कार्रवाई ने भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत किया. यह ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, नियमित अभ्यास और प्रशिक्षण के जरिए कितनी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हर स्तर पर नेतृत्व अग्रिम मोर्चे से किया जा रहा है, और यही भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत है.

उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर इस वायुसेना को बनाते हैं. हर वायु योद्धा का योगदान अमूल्य है. चाहे शांति का समय हो या युद्ध का, हर एक का कार्य उतना ही महत्वपूर्ण है.” उन्होंने व अन्य ऑपरेशन में शामिल रहे एयर वॉरियर्स को सम्मानित किया. इसके साथ ही उन्होंने समस्त एयर वॉरियर्स को संदेश दिया कि निरंतर प्रशिक्षण और आत्म अनुशासन से ही वायुसेना की शक्ति बनी रहती है.

हर परिस्थिति के लिए तैयार है भारतीय वायुसेना

उन्होंने कहा, ''हमें उभरती चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा. हमारे प्रशिक्षण और रणनीतियां समय के साथ बदलती तकनीक और परिस्थितियों के अनुरूप होनी चाहिए.''

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना हमारे देश की पहली प्रतिक्रिया देने वाली शक्ति रही है. जब भी देश में कोई आपदा आई, चाहे वह असम में कोयला खदान हादसा हो, मेघालय या सलेम (तमिलनाडु) में सुरंग बचाव अभियान, मणिपुर और सिक्किम में भूस्खलन या बाढ़ की स्थिति हो, हमारे एयर वॉरियर्स ने हर बार तत्परता से राहत और बचाव कार्यों में भाग लिया.

भारतीय वायुसेना ने की दूसरे देशों की भी मदद

वायुसेना प्रमुख ने बताया कि देश के भीतर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भारतीय वायुसेना ने संकट की घड़ी में मानवीय सहायता पहुंचाई है. उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने से लेकर, म्यांमार, लाओस, वियतनाम और केन्या जैसे देशों तक राहत सामग्री और मानव संसाधन पहुंचाने में भारतीय वायुसेना ने ‘सेवा परमो धर्मः’ की भावना को साकार किया है.

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