क्या तेल के दाम में लगेगी आग? रूस से क्रूड ऑयल की खरीद पर ब्रेक, जानें क्या होगा भारत पर बड़ा असर

क्या तेल के दाम में लगेगी आग? रूस से क्रूड ऑयल की खरीद पर ब्रेक, जानें क्या होगा भारत पर बड़ा असर
By : | Edited By: राजेश कुमार | Updated at : 30 Oct 2025 12:43 PM (IST)

Russian Crude Oil: रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिशों में जुटे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंशा अब असर दिखाने लगी है. अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत ने अब रूस से सस्ते क्रूड ऑयल की खरीद को धीरे-धीरे कम करना शुरू कर दिया है. करीब तीन साल तक रियायती दरों पर तेल खरीदने के बाद अब भारतीय तेल कंपनियों को तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है. रूस पर बड़ी निर्भरता हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और मित्तल ग्रुप के ज्वाइंट वेंचर एचएमईएल ने घोषणा की है कि वह अब रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगी. एचएमईएल ऐसी पहली भारतीय कंपनी बन गई है जिसने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद औपचारिक रूप से मॉस्को से तेल खरीद रोकने का ऐलान किया है.

भारत अपनी जरूरत का करीब 86 प्रतिशत तेल आयात करता है. साल 2022 के मध्य से रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया था और सस्ते दामों पर लगभग एक-तिहाई तेल भारत को दे रहा था. रोजाना करीब 1. 75 मिलियन बैरल तेल भारत रूस से आयात कर रहा था, जिसमें मुख्य रूप से Rosneft और Lukoil जैसी कंपनियां शामिल थीं. क्या होगा असर? हाल में अमेरिका ने Rosneft और Lukoil पर नए प्रतिबंध लागू किए हैं.

इसका सीधा असर शिपिंग, इंश्योरेंस और ट्रेडिंग नेटवर्क पर पड़ा है. बैंक अब इन लेन-देन को लेकर सतर्क हो गए हैं, जिससे ट्रांजैक्शन रिस्क और कम मुनाफा भारतीय कंपनियों के लिए चुनौती बन गया है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अब क्रूड ऑयल की कीमतों में अस्थिरता बढ़ सकती है. मेहता इक्विटीज के वीपी (कॉमोडिटीज) राहुल खत्री के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते वैश्विक तेल आपूर्ति में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है. वहीं, जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने चेतावनी दी कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर भारत की महंगाई पर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि “भारत को तेल आयात के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ सकता है. ” इस बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने रूस से नई खरीद को रोक दिया है, जबकि भारत पेट्रोलियम और मैंगलोर रिफाइनरी ने अमेरिका और खाड़ी देशों से आयात बढ़ाना शुरू कर दिया है.

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