Indian Rupee vs Pound: इस देश में कमाए 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे करोड़पति, करेंसी की कीमत चौंका देगी

Indian Rupee vs Pound: इस देश में कमाए 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे करोड़पति, करेंसी की कीमत चौंका देगी
By : | Edited By: सौरभ कुमार | Updated at : 08 Oct 2025 10:15 AM (IST)
Quick Summary

This article highlights: Indian Rupee vs Pound: इस देश में कमाए 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे करोड़पति, करेंसी की कीमत चौंका देगी. In context: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत दौरे पर हैं और वो मुंबई पहुंच चुके हैं इस दो दिवसीय दौरे पर व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग समेत समग्र द्विपक्षीय साझेदारी पर बातचीत होगी. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत दौरे पर हैं और वो मुंबई पहुंच चुके हैं. इस दो दिवसीय दौरे पर व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग समेत समग्र द्विपक्षीय साझेदारी पर बातचीत होगी. भारत और ब्रिटेन के बीच पुराने संबंध है. इसका सबूत ये है कि ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों की संख्या अन्य देशों के लोगों से ज्यादा है. रोजगार के मामले में भी भारतीय लोगों का ब्रिटेन में दबदबा है. ए पोर्ट्रेट ऑफ मॉडर्न ब्रिटेन की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा से लेकर रोजगार के क्षेत्र में भारतीयों का डंका बज रहा है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ब्रिटेन में होने वाली इनकम है, जहां की करेंसी की वैल्यू भारतीय रुपये के मुकाबले में काफी ज्यादा है.

वाइस.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ब्रिटेन की एक पाउंड की कीमत 118.99 रुपये हैं. इस तरह से अगर कोई भारतीय ब्रिटेन में जाकर 1 लाख पाउंड कमाता है तो उसकी वैल्यू भारत में आकर 1 करोड़ 18 लाख 98 हजार हो जाएगी. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर क्यों लाखों की संख्या में भारतीय ब्रिटेन में जाकर कमाना चाहते हैं. बैंक ऑफ इंग्लैंड पाउंड को जारी करता है. ब्रिटेन में मुख्य रूप से £5, £10, £20 और £50 के पॉलीमर नोट प्रचलन में हैं, जिनमें राजा चार्ल्स III (किंग चार्ल्स तृतीय) का फोटो होता है.

ब्रिटिश पाउंड का दबदबा

आज ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग न केवल यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक मुद्रा है, बल्कि यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक ट्रेड की जाने वाली करेंसी भी है. इसका नंबर अमेरिकी डॉलर, यूरो और जापानी येन के बाद आता है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के अनुसार, ब्रिटिश पाउंड वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) का लगभग 5% हिस्सा है. यह ब्रिटेन की स्थिर अर्थव्यवस्था, वित्तीय अनुशासन और लंदन के एक प्रमुख वैश्विक बैंकिंग हब होने का सबूत है.

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