राजस्थान के जैसलमेर में मंगलावर को हुए एसी बस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गयी थी. अब मृतकों की पहचान उनके परिजनों के DNA से कराई जाएगी. जबकि घायलों का इलाज जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में चल रहा है, साथ ही बीस शवों को भी जोधपुर में ले गयाहै. वहीँ स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने हादसे को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है, उन्होंने बताया कि एसी बस में इमरजेंसी एग्जिट डोर नहीं था, जिस कारण लोग आग लगने के दौरान बाहर नहीं निकल पाए. उन्होंने बताया कि सभी घायलों का बेहतर इलाज सरकार करवा रही है.
मुख्यमंत्री समेत सभी आलाधिकारी मौजूद हैं. हादसे की जांच भी जल्द आएगी. स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर का बयान हादसे पर दुःख जताते हुए गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि यह हादसा अत्यंत दुखद है. कई परिवारों ने अपने अपनों को खो दिया है. हमारी पूरी सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी.
जिनकी पहचान नहीं हो पाई है, उनके डीएनए टेस्ट करवाए जा रहे हैं, ताकि परिजनों को सही जानकारी मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि यह निजी ट्रैवल्स कंपनी की एसी स्लीपर बस थी, जिसमें सिर्फ एक ही दरवाजा था और एमरजेंसी एग्जिट नहीं था. इसी कारण यात्री समय पर बाहर नहीं निकल पाए और आग की लपटों में झुलस गए. सरकार ने प्रशासन को राहत एवं सहायता कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही हादसे की संपूर्ण जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
डीएनए जांच में सहयोग की मांग उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सभी सम्मानित नागरिकों से अनुरोध है कि मंगलवार, 14 अक्टूबर को जैसलमेर से जोधपुर आ रही केके ट्रैवल्स की बस ( RJ 09PA8040) की आगजनी दुर्घटना में लापता हुए या नहीं मिल पा रहे परिजनों की पहचान तथा सहायता कार्यों के लिए आपके सहयोग की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार, जिला प्रशासन जोधपुर व जैसलमेर पूरी तत्परता और सक्रियता से कार्य कर रहा है. दो परिजनों का लिया जाएगा डीएनए मृतकों की पहचान के लिए उनके दो निकटतम परिजनों से DNA सैंपल लिया जाएगा. इस उद्देश्य से महात्मा गांधी अस्पताल, जोधपुर के कॉटेज संख्या 4 एवं 5 में और जैसलमेर स्थित जवाहर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था की गई है.








