महाराष्ट्र में चुनाव से पहले लाडकी बहिन योजना को शुरू किया गया था. सरकार द्वारा जुलाई 2024 से जून 2025 तक 43,045. 06 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. इस बात खुलासा आरटीआई से हुआ है. लाडकी बहिन योजना के आंकड़े सामने आने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने लाडकी बहिन योजना पर एक साल के खर्च का खुलासा किया है.
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया है, हालांकि, पहले वर्ष में औसत मासिक व्यय 3,587 करोड़ रुपये था. इसलिए, यदि लाभार्थियों की संख्या मानदंडों के अनुसार और कम नहीं होती है, तो ऐसी संभावना है कि इससे सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ेगा. पिछले वर्ष लाडकी बहिन योजना पर कितने करोड़ रुपये खर्च किए गए, कितनी धनराशि वितरित की गई? कितने लाभार्थी कम हुए? आंकड़ों को जरिए समझाते हैं. एक साल में योजना पर खर्च हुए इतने करोड़ आरटीआई के अनुसार, योजना शुरू होने के बाद से अब तक 43,045. 06 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है.
जुलाई से आवेदन भरने के दौरान लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई और अप्रैल 2025 तक लाभार्थियों की सबसे अधिक संख्या 2,47,99,797 (2. 47 करोड़) महिलाओं की थी. हालांकि, जून 2025 तक लाभार्थियों की संख्या और वितरित राशि में लगभग नौ प्रतिशत की कमी आई. मानदंडों के आधार पर, लगभग 77,980 महिलाओं को इससे बाहर रखा गया, जिससे राज्य को लगभग 340. 42 करोड़ रुपये की बचत हुई.
योजना के लिए निर्धारित राशि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया है. हालांकि, पहले वर्ष में औसत मासिक व्यय 3,587 करोड़ रुपये था. इसलिए यदि मापदंड के आधार पर लड़की बहिन योजना के लाभार्थियों की संख्या में और कमी नहीं आई तो बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी. राज्य सरकार को योजना की राशि वितरित करने में अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ सकता है.








