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This article highlights: मुंबई में 100 करोड़ की ठगी का मामला, फर्जी IB अफसर की मौत के बाद दर्ज हुई शिकायत. In context: मुंबई में एक ऐसी ठगी का मामला सामने आया है जो किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं शहर के एक व्यापारी मोहम्मद असलम कुरैशी ने पुलिस में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है और चौकाने वाली बात यह है कि जिसके खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई है वो अब मर चुका है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.
मुंबई में एक ऐसी ठगी का मामला सामने आया है जो किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं. शहर के एक व्यापारी मोहम्मद असलम कुरैशी ने पुलिस में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है और चौकाने वाली बात यह है कि जिसके खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई है वो अब मर चुका है.
सूत्रों ने बताया कि आरोपी रुपेश प्रभाकर चौधरी, जिनकी हाल ही में मौत हो गई, ने खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) का सीनियर अधिकारी बताकर न केवल कुरैशी बल्कि कई अन्य निवेशकों को भी ठग लिया. उसने MHADA के नाम पर फर्जी सरकारी दस्तावेज़, नकली GRAS चालान और फर्जी आदेश दिखाकर लोगों को यह विश्वास दिलाया कि वह सरकारी स्तर पर रियल एस्टेट डील्स करा सकता है.
प्रभावशाली दिखने के लिए भव्य जीवनशैली
शिकायत के मुताबिक चौधरी खुद को बेहद प्रभावशाली दिखाने के लिए लाल बत्ती लगी कारों में घूमता था, बॉडीगार्ड के साथ चलता था, हथियार रखता था, और आईएएस व पुलिस अधिकारियों के साथ तस्वीरें दिखाकर लोगों को भ्रमित करता था. उसने एक भव्य जन्मदिन पार्टी भी आयोजित की थी जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, IAS अफसर और टीवी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के कलाकार शामिल थे.
निवेशकों को फर्जी लालच
कुरैशी का आरोप है कि चौधरी ने उन्हें और उनके परिचितों को MHADA फ्लैट्स सस्ते दामों में दिलाने का लालच दिया और सुगी परिमल (दादर), व्रज तियारा (वर्ली), सोहम अपार्टमेंट (Walkeshwar), ग्रीन एज हिल (Powai), मिनर्वा, रुस्तमजी क्राउन, ओबेरॉय 360 वेस्ट और प्रेस्टीज जसदान जैसे प्रोजेक्ट्स में निवेश कराया.
कुरैशी और उनके साथियों ने मिलकर लगभग 17 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि कुल ठगी 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की बताई जा रही है. 18 जुलाई 2025 को जब फ्लैट रजिस्ट्रेशन होना था, उसी दिन खबर आई कि चौधरी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. लेकिन कुरैशी को सच्चाई उनके अंतिम संस्कार पर पता चली कि चौधरी कभी भी IB अधिकारी था ही नहीं.
पुलिस अधिकारियों और फर्जी दस्तावेज़
शिकायत में कुरैशी ने यह भी दावा किया है कि चौधरी के करीबी पुलिस अधिकारी तत्कालीन नाशिक DCP (अब धुले SP) चंद्रकांत खांडवी और पिंपरी-चिंचवड़ DCP विशाल गायकवाड़ उससे लगातार संपर्क में थे और उनके लिए दुबई यात्राओं की व्यवस्था भी उन्होंने चौधरी के कहने पर की थी.
चौधरी ने MHADA के उपाध्यक्ष अनिल दिग्गीकर के नाम से फर्जी आदेश और दस्तावेज़ बनाए थे. उसकी मौत के बाद जब लोगों ने दिग्गीकर से पूछा तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे चौधरी को नहीं जानते और सभी कागजात नकली हैं. कुरैशी को शक है कि चौधरी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अनियमितताएं और सीने पर लाल निशान पाए गए.
पति की ठगी में पत्नी की भूमिका पर सवाल
चौधरी की पत्नी निक्की चौधरी पर भी आरोप है कि वह निवेशकों से मिली रकम अपने पास रख रही हैं और कुरैशी को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रही हैं.
वकीलों द्वारा दर्ज की गई शिकायत
यह शिकायत YNA Legal के वकील डॉ. यूसुफ इकबाल यूसुफ और ज़ैन शॉफ के माध्यम से दर्ज की गई है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, साजिश और वसूली के मामलों में FIR दर्ज करने की मांग की गई है.
शिकायत के साथ फोटो, व्हाट्सएप चैट्स, फर्जी दस्तावेज़ और वित्तीय ट्रांजेक्शन के सबूत भी जमा किए गए हैं. फिलहाल मुंबई और नाशिक पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. यह मामला इस बात की बड़ी मिसाल है कि किस तरह फर्जी पहचान और प्रभावशाली संपर्कों का दिखावा कर अपराधी करोड़ों की ठगी को अंजाम दे रहे हैं.
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