महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नक्सली नेता वेणुगोपाल भूपति के आत्मसमर्पण के संदर्भ में पुलिस की ओर से दिया गया वादा निभाया. भूपति के आत्मसमर्पण को लेकर संभावना जताई जा रही थी कि वह या तो तेलंगाना पुलिस के सामने या फिर छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण करेगा. मगर भूपति ने महाराष्ट्र पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया. पिछले कुछ दिनों से मध्यस्थों के माध्यम से भूपति और उसके साथियों से बातचीत चल रही थी. सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण करने और हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने से क्या फायदे होंगे, यह समझाने में पुलिस और मध्यस्थ सफल रहे.
भूपति ने रखी थी ये शर्त हालांकि, आत्मसमर्पण करने से पहले भूपति ने एक शर्त रखी थी कि वह आत्मसमर्पण केवल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सामने ही करेगा. भूपति के आत्मसमर्पण का निर्णय लेने के बाद मुख्यमंत्री ने बुधवार, 15 अक्टूर के अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम रद्द कर दिए. महाराष्ट्र की ओर से पुलिस और उनके मध्यस्थों ने जो वादा भूपति से किया था, उसे निभाने के लिए मुख्यमंत्री गढ़चिरोली पहुंचे. हमने माओवादियों को नौकरी और घर दिए- सीएम समर्पण कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि हम माओवाद के खिलाफ तेजी से काम कर रहे हैं. माओवादी जंगलों के राजा हैं.
हमारी पुलिस बहुत दिनों से भूपति से संपर्क बनाए हुए थी. इनके आत्मसमर्पण से सबको फायदा होगा. हमारी सरकार की नीति इस संबंध में बहुत अच्छी रही है. सीएम ने कहा कि हमने माओवादियों को नौकरी और घर दिए. हमने उनकी शादियां करवाईं.
आज तमाम माओवादी 50-50 हजार रुपये की नौकरी कर रहे हैं. ऐसे में माओवादियों को यह विश्वास हुआ कि महाराष्ट्र में उनके साथ अच्छा बर्ताव होगा.








