BMC Elections में उद्धव की राह आसान करेंगे राज ठाकरे! 30 फीसदी सीटों पर है MNS का असर

BMC Elections में उद्धव की राह आसान करेंगे राज ठाकरे! 30 फीसदी सीटों पर है MNS का असर
By : | Edited By: पुष्पेंद्र कुमार | Updated at : 13 Oct 2025 02:09 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: BMC Elections में उद्धव की राह आसान करेंगे राज ठाकरे! 30 फीसदी सीटों पर है MNS का असर. In context: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से ठाकरे बंधुओं की नजदीकियां चर्चा में हैं लगातार दूसरे रविवार (12 अक्टूबर) को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे अपनी मां के साथ उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री पहुंचे. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से ठाकरे बंधुओं की नजदीकियां चर्चा में हैं. लगातार दूसरे रविवार (12 अक्टूबर) को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे अपनी मां के साथ उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री पहुंचे. तीन महीने में यह उनकी छठी मुलाकात थी, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि आने वाले बीएमसी चुनाव में दोनों के बीच राजनीतिक गठबंधन हो सकता है.

इस मुलाकात का समय भी अहम है क्योंकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने हाल ही में राज ठाकरे की मनसे के साथ समझौते की संभावनाओं पर सकारात्मक संकेत दिए हैं. पिछले हफ्ते की मुलाकात के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने साफ कहा था कि यह राजनीतिक मुलाकात थी और बातचीत अंतिम चरण में है.

बीएमसी चुनाव में मनसे का असर

राज ठाकरे भले ही विधानसभा या लोकसभा चुनावों में बड़ा प्रभाव न दिखा पाए हों, लेकिन मुंबई महा नगर पालिका (BMC) में उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के 227 वार्डों में से 67 वार्डों में मनसे को जीत के अंतर से अधिक वोट मिले थे.

2024 के विधानसभा चुनाव परिणाम बताते हैं कि एमवीए (महा विकास अघाड़ी) को 39 वार्डों में बढ़त मिली थी, जबकि बीजेपी-शिंदे गठबंधन (महायुति) 28 वार्डों में आगे था. ऐसे में अगर उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे को अपने साथ जोड़ लेते हैं तो एमवीए की स्थिति न सिर्फ मजबूत होगी बल्कि बीजेपी गठबंधन से कुछ वार्डों में बाजी पलटने की संभावना भी बनेगी.

मराठी इलाकों में मनसे की पकड़

मनसे का प्रभाव खास तौर पर वर्ली, दादर, माहिम, घाटकोपर, विक्रोली और मलाड जैसे मराठी बहुल क्षेत्रों में है. इन इलाकों में मनसे को कई बार एमवीए उम्मीदवारों के वोटों के बराबर या उससे अधिक वोट मिले हैं. रिपोर्ट बताती है कि मनसे 123 वार्डों को सीधे प्रभावित करती है.

दोनों भाइयों ने बीजेपी की बढ़ाई चिंता

राज ठाकरे की हिंदुत्ववादी अपील और उद्धव ठाकरे के पारंपरिक मराठी वोटबैंक के एक साथ आने से बीजेपी की रणनीति पर दबाव बढ़ेगा. अगर दोनों भाई साथ आते हैं, तो शिवसेना और मनसे के मराठी वोटरों का एकीकरण बीजेपी को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है.

कुल मिलाकर, ठाकरे बंधुओं की मुलाकातों ने महाराष्ट्र की राजनीति को एक बार फिर गर्मा दिया है. अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या उद्धव और राज ठाकरे बीएमसी चुनाव में एक साथ उतरेंगे या यह सिर्फ मुलाकातों तक ही सीमित रहेगा.

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