उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में थाना सदर बाजार पुलिस व सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में मंगलवार को एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने मात्र 12 घंटे के भीतर इस गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए गिरोह के पास से 240 फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट, चार लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन, 10500 नकद और बिना नंबर की एक वैन्यू कार बरामद की गई है. गिरोह कई राज्यों में सक्रिय था और बेरोजगार युवाओं को ठगकर लाखों रुपये ऐंठ चुका था. पुलिस की जांच में पता चला कि इसी गिरोह की बनाई एक फर्जी डिग्री से दिल्ली पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया गया था, जो वेरिफिकेशन में पकड़ी गई.
इसके बाद ही गिरोह की तलाश शुरू हुई थी. ऐसे हुआ खुलासा 27 अक्टूबर को गोविंद नगर निवासी अश्विनी कुमार ने थाना सदर बाजार में शिकायत दी थी कि रिंकू और जसबीर उर्फ काला नाम के लोगों ने उनसे 70,000 लेकर मार्कशीट दिलाने का वादा किया, लेकिन बाद में फर्जी मार्कशीट थमाकर धमकाने लगे. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए SSP सहारनपुर ने एक टीम गठित कर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए. सदर थाना प्रभारी निरीक्षक कपिल देव के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने मंगलवार को रेलवे लाइन के पास चेकिंग के दौरान आरोपियों को धर दबोचा. गिरफ्तार आरोपियों में पर्वत कुमार (मेरठ), रिंकू कुमार (सहारनपुर), जसबीर उर्फ काला (सहारनपुर), अक्षय देव (मुजफ्फरनगर) और वरुण शंकर (मेरठ) शामिल हैं.
पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने में माहिर था. बेरोजगारों को झांसे में लेते थे बेरोजगार युवाओं और मेडिकल कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को यह लोग झांसे में लेकर 1 लाख से 4. 5 लाख तक वसूलते थे. गिरोह BUMS, B. Tech, MBBS, B.
Ed. जैसी डिग्रियां तैयार कर देता था. जसबीर खुद को PHD धारक बताता है और झोला छाप डॉक्टरों को भी फर्जी मेडिकल डिग्री दिलाने की पेशकश करता था. कई राज्यों तक फैला है नेटवर्क गिरोह के मास्टरमाइंड पर्वत कुमार और अक्षय देव ने बताया कि वे हाई-क्वालिटी प्रिंटर और स्कैनर से फर्जी डिग्रियां तैयार करते थे. उनकी सैटिंग यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और यहां तक कि नागालैंड की कुछ यूनिवर्सिटियों के नाम पर फर्जी डिग्री तैयार कराने वालों से थी.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने कबूल किया कि उनके गिरोह में सात और सदस्य शामिल हैं, जिनके मोबाइल फिलहाल बंद हैं. पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है. जल्द बाकी भी होंगे गिरफ्तार एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि इस गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े हैं. डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और जल्द ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी होगी.








