'मेरी तरह से तू भी लुटा है बहार में', आजम खान से मिलने पहुंचे इरफान सोलंकी, सियासी हलचल तेज

'मेरी तरह से तू भी लुटा है बहार में', आजम खान से मिलने पहुंचे इरफान सोलंकी, सियासी हलचल तेज
By : | Updated at : 30 Oct 2025 12:26 PM (IST)

लंबे समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने हाल ही में जमानत पर छूटे वरिष्ठ सपा नेता आजम खान से बुधवार (29 अक्टूबर) को रामपुर में उनके आवास पर मुलाकात की. इरफान सोलंकी अपनी विधायक पत्नी नसीम सोलंकी के साथ रामपुर पहुंचे और आजम खान से लगभग दो घंटे तक भेंट की. आजम खान ने इस दौरान इरफान सोलंकी का स्वागत शायरी के जरिए किया और कहा- 'आए गुले फसूला लगा लूं तुझे गले, मेरी तरह से तू भी लूटा है बहार में'. बहार में लुटे हुए लोगों से मिलने में अच्छा लगता है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इरफान के पिता से उनके बहुत अच्छे रिश्ते थे.

इस सवाल पर कि क्या यह एक राजनीतिक मुलाकात थी? आजम ने जवाब दिया कि हमारे इरफान सोलंकी से पारिवारिक संबंध हैं लेकिन जब दो राजनीतिक लोग मिल बैठकर बात करते हैं तो सियासी बातचीत भी होती ही है. जुल्म हम पर भी हुआ उन पर भी- इरफान सोलंकी कानपुर की सीसामऊ सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने इस मुलाकात पर कहा कि हमारा और आजम खान साहब का पारिवारिक संबंध है. यह कहिए कि हम दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं. हम पर भी जुल्म किया गया और उन पर भी. मुलाकात के मकसद के बारे में पूछे जाने पर इरफान ने कहा कि वो बस परिवार से मुलाकात करने आए थे.

इसी बहाने एक दूसरे के हाल-चाल जान लिये और उनसे दुआएं लीं कि ऐसा दौर कोई दुश्मन भी ना देखे. जेल से बाहर आने के बाद हुई मुलाकात इरफान सोलंकी ने कहा कि मेरी दुआ है कि आजम खान साहब की सेहत ठीक हो. वह हमारी पार्टी की जान हैं. सीसामऊ से सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को पिछले साल जून में कानपुर की एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने आगजनी के मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. उसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई थी.

इस सीट पर हुए उपचुनाव में इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की थी. करीब 33 महीने जेल में गुजारने के बाद इरफान पिछली 30 सितंबर को जमानत पर महाराजगंज जेल से रिहा हुए थे. इससे पहले, सपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री आजम खान विगत 23 सितंबर को लगभग 23 महीने तक जेल में रहने के बाद से जमानत पर सीतापुर जेल से रिहा किए गए थे. उन पर 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.

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