मुंबई में दिव्यांग युवती के साथ क्रूरता, चौंकाने वाला खुलासा, DNA टेस्ट से खुलेगा राज

मुंबई में दिव्यांग युवती के साथ क्रूरता, चौंकाने वाला खुलासा, DNA टेस्ट से खुलेगा राज
By : | Edited By: किशन कुमार | Updated at : 10 Oct 2025 05:04 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: मुंबई में दिव्यांग युवती के साथ क्रूरता, चौंकाने वाला खुलासा, DNA टेस्ट से खुलेगा राज. In context: दक्षिण मुंबई में एक बेहद संवेदनशील और चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ 20 वर्ष की एक युवती, जो दिव्यांग और मानसिक असमर्थता से पीड़ित है, के साथ कई बार आपराधिक शोषण किए जाने का मामला सामने आया है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

दक्षिण मुंबई में एक बेहद संवेदनशील और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहाँ 20 वर्ष की एक युवती, जो दिव्यांग और मानसिक असमर्थता से पीड़ित है, के साथ कई बार आपराधिक शोषण किए जाने का मामला सामने आया है.

पुलिस के अनुसार, यह मामला कफ परेड पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है. शिकायत के आधार पर BNS की धारा 64 (2) (i) और 64 (2) (k) के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने बताया कि पीड़िता के बताए गए 10 से अधिक संदिग्धों के खून के नमूने लिए गए हैं, जिन्हें भ्रूण के साथ डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया है.

32 वर्षीय विवाहित व्यक्ति को किया गया है गिरफ्तार

एफआईआर के मुताबिक, यह मामला 22 सितंबर को दर्ज किया गया था. अब तक एक 17 वर्षीय नाबालिग को हिरासत में लिया गया है और एक 32 वर्षीय विवाहित व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा मामला तब सामने आया जब युवती ने अपनी दादी से पेट में दर्द की शिकायत की. अस्पताल में जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई कि युवती 5 महीने की गर्भवती है. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी.

दोनों संदिग्धों को लिया गया हिरासत में

पुलिस जब युवती का बयान दर्ज करने पहुंची तो उसकी स्थिति के कारण संवाद मुश्किल था. बाद में एक एनजीओ की मदद से काउंसलर ने 5 दिनों तक ‘ड्रॉइंग और फिंगर डॉल थेरेपी’ जैसी विधियों का इस्तेमाल कर युवती की बात समझने की कोशिश की. इसी प्रक्रिया में युवती द्वारा लिए गए नामों के आधार पर कार्रवाई की गई और दोनों संदिग्धों को हिरासत में लिया गया.

काउंसलिंग रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है आगे की जांच

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पीड़िता के पिता ने शुरुआत में शिकायत दर्ज कराने से इनकार किया था, लेकिन बाद में पुलिस और एनजीओ के समझाने पर उन्होंने सहयोग किया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें वैज्ञानिक साक्ष्यों, डीएनए रिपोर्ट और काउंसलिंग रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जा रही है.

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