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This article highlights: सस्ती होने जा रही इलेक्ट्रिक कारें! नितिन गडकरी ने किया ऐलान, जानिए कब तक मिलेगा फायदा?. In context: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का भविष्य अब और बेहतर होने वाला है केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार (9 सितंबर 2025) को कहा कि आने वाले 4 से 6 महीनों में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें पेट्रोल कारों के बराबर हो जाएंगी. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का भविष्य अब और बेहतर होने वाला है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार (9 सितंबर 2025) को कहा कि आने वाले 4 से 6 महीनों में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें पेट्रोल कारों के बराबर हो जाएंगी. दरअसल, ये बयान उन्होंने 20वें FICCI हायर एजुकेशन समिट 2025 के दौरान दिया. उनके मुताबिक, भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर आने वाले महीनों में एक बड़े बदलाव से गुजरेगा, जिससे देश का फ्यूल इंपोर्ट एक्सपेंस घटेगा और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा.
इलेक्ट्रिक कारें होंगी पेट्रोल जितनी सस्ती
- गडकरी ने अपने बयान में कहा कि अगले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल वाहनों के बराबर पहुंच जाएगी. सरकार लगातार बैटरी टेक्नोलॉजी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आएगी और आम लोगों के लिए EV खरीदना आसान होगा.
- गडकरी ने यह भी कहा कि अगर भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, तो उसे fossil fuels पर निर्भरता घटानी होगी. फिलहाल भारत हर साल करीब 22 लाख करोड़ का फ्यूल इंपोर्ट करता है, जो देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ डालता है. EVs के बढ़ते इस्तेमाल से यह खर्च काफी हद तक कम हो सकता है.
भारत की EV नीति और क्लीन एनर्जी की दिशा
- गडकरी ने कहा कि EV इंडस्ट्री के विकास से न केवल पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि लाखों लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर भी बनेंगे. इसके अलावा, बैटरी रीसाइक्लिंग और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर निवेश से भारत को दुनिया का EV हब बनाने में मदद मिलेगी.
भारत बन रहा है ऑटो इंडस्ट्री का ग्लोबल पावरहाउस
- गडकरी ने बताया कि जब उन्होंने मंत्रालय संभाला था, तब भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार 14 लाख करोड़ था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ हो चुका है. उनका लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में भारत का ऑटो उद्योग दुनिया में नंबर 1 बने. वर्तमान में अमेरिका का ऑटोमोबाइल उद्योग 78 लाख करोड़ का है, चीन का 47 लाख करोड़, और भारत तीसरे स्थान पर है. इस तेजी से बढ़ती रफ्तार के साथ भारत अब EV और ऑटो टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
इलेक्ट्रिक भविष्य की ओर भारत का रोडमैप
- बता दें कि भारत में अब तेजी से चार्जिंग स्टेशन, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और EV इंडस्ट्री के सपोर्ट सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं. सरकार टैक्स इंसेंटिव्स और सब्सिडी देकर EV अपनाने को बढ़ावा दे रही है. अगर योजनाएं समय पर पूरी होती हैं, तो 2026 तक भारत की सड़कों पर चलने वाली हर तीसरी कार इलेक्ट्रिक हो सकती है. यह न केवल प्रदूषण को कम करेगी बल्कि भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी और मजबूत बनाएगी.








