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This article highlights: UK PM India Visit: 'कोई वीजा समझौता नहीं होगा', ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने तोड़ा भारतीयों का दिल. In context: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के साथ किसी भी वीजा समझौते से इनकार किया है उन्होंने कहा कि भारत की यात्रा के दौरान वीजा पर चर्चा नहीं होगी. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के साथ किसी भी वीजा समझौते से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि भारत की यात्रा के दौरान वीजा पर चर्चा नहीं होगी. पत्रकारों से बात करते हुए स्टार्मर ने कहा कि भारत के साथ ब्रिटेन का हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पूरी तरह से व्यापार और निवेश पर केंद्रित रहेगा. ब्रिटिश पीएम 8-9 अक्टूबर को भारत दौरे पर रहेंगे.
वीजा एक्सेस बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह योजना का हिस्सा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यह यात्रा उस मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठाने के लिए है, जिसपर हम पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं. स्टार्मर ने कहा कि व्यवसायों को इस समझौते से लाभ हो रहा है, वीजा मुद्दा नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ब्रिटेन की आव्रजन नीतियां सख्त रहेंगी.
लेबर पार्टी को ब्रिटेन में मिल रही कड़ी टक्कर
दरअसल स्टार्मर का ये बयान ब्रिटेन में घरेलू राजनीतिक दबावों की ओर भी इशारा करता है. उनकी लेबर पार्टी को रिफॉर्म यूके पार्टी से चुनौतियां मिल रही हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री आव्रजन के मुद्दे पर सावधानी से कदम बढ़ा रहे हैं, जो ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शनों के बाद केंद्रबिंदु बन गया है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि ब्रिटेन दुनियाभर से टॉप टेलेंट की तलाश करता है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के एच-1बी वीजा व्यवस्था को सख्त किए जाने के बाद भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए कोई नया रास्ता खोलने की कोई योजना नहीं है.
'दोनों देशों के बीच पहले से रिटर्न एग्रीमेंट'
निर्वासन और सुरक्षा सहयोग को लेकर स्टार्मर ने भारत से जुड़ी चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि दोनों देशों के बीच में पहले से ही रिटर्न एग्रीमेंट है. उन्होंने कहा कि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या वीजा और वापसी समझौतों के बीच कोई संबंध होना चाहिए.
स्टार्मर ने आगे कहा कि यह महज एक कागज़ का टुकड़ा नहीं है, यह विकास का एक लॉन्चपैड है. उन्होंने कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. इसमें जो अवसर मौजूद हैं, वे अद्वितीय हैं.
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