उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्तीय प्रबंधन और राजकोषीय अनुशासन में देशभर में अपनी मजबूत पहचान बनाई है. विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा स्थान हासिल किया है. यह रैंकिंग केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन प्रतिष्ठित संस्था अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फाइनेंशियल मैनेजमेंट (एजेएनआइएफएम) द्वारा जारी की गई है. वित्तीय प्रदर्शन में 23 मानकों पर की गई राज्यों की रैंकिंग एजेएनआइएफएम ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्यों की वित्तीय स्थिति को 23 मानकों पर परखा. इसमें उत्तराखंड ने राजकोषीय अनुशासन, संसाधन प्रबंधन और ऋण नियंत्रण में बेहतरीन प्रदर्शन किया.
विशेष दर्जा प्राप्त हिमालयी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड ने रिसोर्स मैनेजमेंट इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा. कंटींजेंट लायबिलिटी इंडेक्स में भी उत्तराखंड शीर्ष पर रहा, जो दर्शाता है कि राज्य ने भविष्य की देनदारियों से बचाव की नीति अपनाई है. ऋण प्रबंधन इंडेक्स में उत्तराखंड पांचवें स्थान पर रहा, जबकि पड़ोसी हिमाचल प्रदेश दसवें स्थान पर रहा. इसी प्रकार डेफिसिट मैनेजमेंट इंडेक्स यानी घाटा प्रबंधन में भी उत्तराखंड ने पांचवां स्थान प्राप्त किया. कुल मिलाकर कंपोजिट पब्लिक फाइनेंशियल परफॉर्मेंस इंडेक्स की ओवरऑल रैंकिंग में उत्तराखंड ने दूसरा स्थान हासिल कर विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों की सूची में अपनी स्थिति मजबूत की है.
धामी सरकार की नीतियों से वित्तीय अनुशासन में आई मजबूती राज्य के वित्तीय अनुशासन की यह उपलब्धि पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रभावी वित्तीय निर्णयों और संसाधनों के कुशल प्रबंधन का परिणाम मानी जा रही है. इससे पहले कैग की रिपोर्ट में भी उत्तराखंड उन 16 राज्यों में शामिल रहा है जो राजस्व सरप्लस स्थिति में हैं. इन उपलब्धियों के साथ उत्तराखंड ने देश में वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी धमक दर्ज कराई है.








