90Hz और 144Hz स्मार्टफोन डिस्प्ले में क्या होता है फर्क, जानिए कैसे परफॉर्मेंस पर डालता है असर

90Hz और 144Hz स्मार्टफोन डिस्प्ले में क्या होता है फर्क, जानिए कैसे परफॉर्मेंस पर डालता है असर
By : | Edited By: हिमांशु तिवारी | Updated at : 27 Oct 2025 12:22 PM (IST)

Show Quick Read Key points generated by AI, verified by newsroom आजकल स्मार्टफोन खरीदते समय लोग केवल कैमरा, बैटरी और प्रोसेसर ही नहीं बल्कि डिस्प्ले रिफ्रेश रेट पर भी ध्यान देने लगे हैं. बाजार में अब 60Hz के अलावा 90Hz, 120Hz और यहां तक कि 144Hz तक के डिस्प्ले वाले फोन उपलब्ध हैं. लेकिन ज्यादातर लोग यह समझ नहीं पाते कि आखिर 90Hz और 144Hz में क्या फर्क है और यह फोन की परफॉर्मेंस को कैसे प्रभावित करता है. रिफ्रेश रेट क्या है? डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट इस बात को दर्शाता है कि स्क्रीन प्रति सेकंड कितनी बार इमेज को रिफ्रेश करती है. उदाहरण के लिए, 90Hz डिस्प्ले एक सेकंड में 90 बार स्क्रीन को अपडेट करता है, जबकि 144Hz डिस्प्ले 144 बार.

रिफ्रेश रेट जितना ज्यादा होगा, स्क्रीन पर मूवमेंट उतना ही स्मूद और फ्लूइड लगेगा. 90Hz डिस्प्ले का अनुभव 90Hz डिस्प्ले आमतौर पर मिड-रेंज स्मार्टफोन में देखने को मिलता है. यह 60Hz से काफी बेहतर है और यूज़र्स को स्क्रॉलिंग, स्वाइपिंग और ऐप ओपन करने में स्मूद अनुभव देता है. गेमिंग के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है खासकर उन गेम्स में जो हाई फ्रेम रेट सपोर्ट करते हैं. बैटरी की खपत भी ज्यादा नहीं होती, इसलिए यह परफॉर्मेंस और पावर दोनों में बैलेंस बनाता है.

144Hz डिस्प्ले का अनुभव 144Hz डिस्प्ले आमतौर पर फ्लैगशिप या गेमिंग स्मार्टफोन्स में मिलता है. यह 90Hz से कहीं ज्यादा स्मूद और रेस्पॉन्सिव होता है. हाई-एंड गेमिंग, तेज ग्राफिक्स वाले वीडियो और प्रोफेशनल लेवल टास्क के लिए यह डिस्प्ले परफेक्ट है. खासतौर पर फर्स्ट पर्सन शूटर (FPS) या बैटल रॉयल गेम्स जैसे PUBG Mobile, Free Fire या Call of Duty Mobile खेलने वालों के लिए 144Hz डिस्प्ले बेहद फायदेमंद है क्योंकि यह स्क्रीन पर डिले को काफी हद तक कम कर देता है. बैटरी और प्रोसेसर पर असर उच्च रिफ्रेश रेट का सीधा असर बैटरी और प्रोसेसर पर भी पड़ता है.

जहां 90Hz डिस्प्ले बैटरी को थोड़ा ज्यादा खपत करता है, वहीं 144Hz डिस्प्ले और भी ज्यादा पावर लेता है. अगर फोन में बड़ी बैटरी और पावरफुल प्रोसेसर नहीं है तो 144Hz का फायदा कम हो सकता है. यही वजह है कि स्मार्टफोन कंपनियां अक्सर यूज़र्स को 60Hz, 90Hz और 144Hz के बीच स्विच करने का विकल्प देती हैं ताकि जरूरत के हिसाब से बैटरी बचाई जा सके. किसे चुनें अगर आप सामान्य यूज़र हैं, जिन्हें सोशल मीडिया, ब्राउज़िंग और कभी-कभार गेमिंग करनी होती है तो 90Hz डिस्प्ले आपके लिए बेहतर और किफायती विकल्प रहेगा. लेकिन अगर आप हैवी गेमर हैं या स्मार्टफोन पर ज्यादा समय हाई-ग्राफिक्स वाले काम करते हैं तो 144Hz डिस्प्ले आपके अनुभव को एक नए स्तर पर ले जाएगा.

90Hz और 144Hz दोनों ही डिस्प्ले रिफ्रेश रेट अपने-अपने हिसाब से खास हैं. जहां 90Hz रोजमर्रा के कामों के लिए स्मूद और बैटरी-फ्रेंडली है, वहीं 144Hz गेमिंग और हाई-एंड परफॉर्मेंस के लिए बेस्ट है.

📚 Related News