कभी-कभी छोटी-सी गलती भी बड़ी परेशानी में बदल जाती है. अहमदाबाद में एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसने सबका ध्यान खींच लिया है. एक महिला को अपनी रिश्तेदार की शादी में पहनने के लिए खास ब्लाउज सिलवाना था, लेकिन दर्जी ने समय पर काम पूरा नहीं किया. बात यहीं खत्म नहीं हुई, क्योंकि जब महिला ने पैसे वापस मांगे तो दर्जी ने इनकार कर दिया. इसके बाद महिला ने हार नहीं मानी और अदालत का दरवाजा खटखटाया.
महीनों चली यह लड़ाई आखिरकार महिला के पक्ष में खत्म हुई, और अदालत ने दर्जी को मुआवजा चुकाने का आदेश दिया. इसकी चर्चा अब सोशल मीडिया पर खूब हो रही है. अहमदाबाद में घटी रोचक घटना यह पूरा मामला अहमदाबाद के अंकुर इलाके की रहने वाली पूनमबेन पारिया से जुड़ा है. उन्होंने नवंबर 2024 में सीजी रोड पर स्थित “सोनी द डिजाइनर शॉप” नाम की बुटीक से एक डिजाइनर ब्लाउज सिलवाने का ऑर्डर दिया था. यह ब्लाउज उनके परिवार की शादी में पहनने के लिए था, जो 24 दिसंबर 2024 को होनी थी.
पूनमबेन ने 4,395 रुपये एडवांस में दिए और उम्मीद की कि ब्लाउज शादी से एक हफ्ते पहले मिल जाएगा. दर्जी ने भरोसा दिलाया कि सब समय पर तैयार हो जाएगा. वक्त पर नहीं दिया ब्लाउज अब जैसे-जैसे शादी का दिन नजदीक आया, ब्लाउज तैयार नहीं हुआ. पूनमबेन ने कई बार दुकान पर जाकर पूछा, तो दर्जी ने कहा कि बस थोड़ी सी दिक्कत है, जल्द ही ठीक कर देंगे. बावजूद इसके, शादी के दिन तक ब्लाउज नहीं मिला.
मजबूरी में पूनमबेन को किसी और पोशाक में शादी में शामिल होना पड़ा. उन्होंने बताया कि “शादी जैसे खास मौके का सारा उत्साह खत्म हो गया, क्योंकि जो कपड़े सोचे थे, वो पहन ही नहीं पाई. ” कोर्ट पहुंची महिला शादी के बाद पूनमबेन ने जब दर्जी से अपने पैसे वापस मांगे तो उसने मना कर दिया. दर्जी ने कहा कि “आप ब्लाउज ले सकती हैं, लेकिन पैसे वापस नहीं मिलेंगे. ” इसके बाद पूनमबेन ने जून 2025 में अहमदाबाद जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज की और यहीं से दर्जी के साथ गेम हो गया.
अदालत ने दर्जी को सिखाया सबक मामले की सुनवाई के दौरान दर्जी पहले तो कोर्ट में पेश ही नहीं हुआ. बाद में जांच और सुनवाई के बाद आयोग ने माना कि दर्जी ने “सेवा में कमी” की है और ग्राहक को नुकसान पहुंचाया है. आयोग ने आदेश दिया कि दर्जी 45 दिनों के अंदर पूनमबेन को उनके 4,395 रुपये ब्याज सहित लौटाए. इसके अलावा मानसिक परेशानी के लिए 5,000 रुपये और कानूनी खर्च के लिए 2,000 रुपये भी देने होंगे. यानी कुल मिलाकर लगभग 11,500 रुपये का मुआवजा चुकाना पड़ेगा.
सोशल मीडिया पर लोगों के बीच छिड़ी चर्चा अब सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं. लोग इसे लेकर तरह तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा. कानून की जानकारी होना काफी जरूरी है, लोग शोषण नहीं कर पाते. एक और यूजर ने लिखा.
साढ़े चार हजार ब्लाउज की सिलाई कौन लेता है भाई. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा. ऐसे लोगों के साथ यही होना चाहिए, तभी सही मैसेज जाता है समाज में.








