अलीगढ़ की बेटी नीरू पाठक ने फिर रचा इतिहास, साउथ एशियन गेम्स में जीता गोल्ड- गांव में जोरदार स्वागत

अलीगढ़ की बेटी नीरू पाठक ने फिर रचा इतिहास, साउथ एशियन गेम्स में जीता गोल्ड- गांव में जोरदार स्वागत
By : | Updated at : 30 Oct 2025 02:51 PM (IST)

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद की रहने वाली नीरू पाठक ने एक बार फिर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. नीरू हालिया साउथ एशियन गेम में गोल्ड जीतने के बाद अलीगढ़ पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत हुआ. देश की उभरती हुई धाविका नीरू पाठक ने वर्ष 2025 में अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे भारत का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है. रफ्तार की रानी नीरू पाठक ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड कायम करते हुए कई पुराने रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं, जिसमेंनीरू पाठक ने 400 मीटर और 200 मीटर दौड़ में कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. 400 मीटर में निकाला रिकॉर्ड समय नीरू ने 400 मीटर रेस में 52.

85 सेकंड का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया. वहीं, 200 मीटर दौड़ में उन्होंने 23. 87 सेकंड में दूसरा स्थान पाया. इसके अलावा साउथ एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 400 मीटर में 53. 15 सेकंड में स्वर्ण पदक जीता, और इंडियन अंडर-20 चैंपियनशिप में 200 मीटर दौड़ में 24.

05 सेकंड का समय निकालकर गोल्ड अपने नाम किया. कौन हैं नीरू पाठक ? दरअसल अलीगढ़ के तहसील इगलास के गांव गदा खेड़ा की रहने वाली नीरू पाठक का सफर आसान नहीं रहा. वह एक बेहद साधारण किसान परिवार में जन्मी नीरू ने बचपन से ही संसाधनों के अभाव में जीवन बिताते. पिता खेती करके परिवार का गुज़ारा करते हैं, जबकि घर में सात बहनें हैं — जिनमें से चार की शादी हो चुकी है और तीन बहनें अभी घर पर हैं. इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बीच पिता के पास सीमित आय है, फिर भी उन्होंने नीरू के सपनों को पंख देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

नीरू ने बचपन से ही दौड़ने का शौक रखा, लेकिन शुरुआत में उनके पास न तो अच्छे स्पोर्ट्स शूज़ थे, न ट्रेनिंग के लिए आधुनिक सुविधाएं. गाँव की गलियों और खेतों की पगडंडियों पर दौड़ते-दौड़ते ही उन्होंने अपनी फिटनेस और स्पीड को निखारा. यही लगन आज उन्हें उस मुकाम पर लेकर आई है जहां पूरा देश उनके नाम का जयकारा कर रहा है. गांव वालों को नीरू पर गर्व नितिन चौधरी ने बताया कि नीरू पाठक का जज़्बा सलाम करने लायक” गाँव गदाखेड़ा की बेटी नीरू पाठक ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. सीमित संसाधनों में रहते हुए भी उन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जो अपने आप में मिसाल हैं.

यह हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए पूरा सहयोग दिया जाए. उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार और खेल विभाग नीरू को उचित आर्थिक सहायता प्रदान करें, तो आने वाले समय में वह न सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स बल्कि ओलंपिक में भी भारत का परचम लहरा सकती हैं. नीरू ने सरकार से जताई उम्मीद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा सम्मान बहुत मिला है, लेकिन सम्मान से घर नहीं चलते. खेल के लिए जितनी मेहनत और लगन चाहिए, उतनी ही आर्थिक मदद की भी जरूरत होती है. जब तक सरकार या बड़े संस्थान आगे नहीं आएंगे, तब तक हम खिलाड़ियों का संघर्ष यूँ ही जारी रहेगा.

नीरू ने बताया कि प्रशिक्षण, पौष्टिक आहार, जूतों और उपकरणों की कमी अब भी एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने अपील की कि सरकार ऐसे खिलाड़ियों के लिए विशेष स्कीम बनाए जो ग्रामीण क्षेत्रों से आकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं.

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