महाभारत का युद्ध जिस कुरुक्षेत्र की धरती पर लड़ा गया था, ठीक उसी के ऊपर से राष्ट्रपति का रफाल लड़ाकू विमान गुजरा था. करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई से रफाल के कॉकपिट से ब्रह्मसरोवर को देखते हुए सशस्त्र बलों की सुप्रीम कमांडर ने देशवासियों के नाम अपना संदेश जारी किया था. कॉकपिट में सुप्रीम कमांडर और वायुसेना प्रमुख एपी सिंह के बीच रेडियो कम्युनिकेशन से हुई बातचीत का अंश, रक्षा मंत्रालय ने जारी किया है. खुद एयर चीफ मार्शल भी राष्ट्रपति के विमान के ठीक पीछे दूसरे रफाल विमान में सवार थे. हालांकि, दोनों ही रफाल विमान, मिसाइलों से लैस थे, लेकिन राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए सुखोई फाइटर जेट भी दोनों रफाल लड़ाकू विमान को एस्कॉर्ट कर रहे थे.
राष्ट्रपति मुर्मू ने 200 KM का हवाई सफर किया तय राष्ट्रपति मुर्मू बुधवार (29 अक्टूबर, 2025) को अंबाला एयरबेस पहुंची थी और रफाल लड़ाकू विमान में आधे घंटे की सोर्टी (उड़ान) भरी थी. इस उड़ान के दौरान राष्ट्रपति के रफाल ने करीब 200 किलोमीटर का हवाई सफर तय किया था. उस दौरान एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी आसमान में राष्ट्रपति के विमान के ठीक पीछे फ्लाई कर रहे थे. जैसे ही दोनों रफाल विमान कुरुक्षेत्र पहुंचे, वायुसेना प्रमुख ने कम्युनिकेशन डिवाइस के जरिए राष्ट्रपति को इस बात की जानकारी दी कि इस वक्त ऐतिहासिक धरती के ऊपर उड़ान भरे रहे हैं. एयर चीफ मार्शल ने कहा कि सुप्रीम कमांडर क्या कॉकपिट से देशवासियों के लिए कोई संदेश देना चाहेंगी.
राष्ट्रपति का देश के नाम संदेश कॉकपिट से ही राष्ट्रपति ने कहा, 'प्रिय देशवासियों, नमस्कार रफाल की यह उड़ान मेरे लिए अविस्मरणीय अनुभव है. इस आधुनिक विमान से मैं इस प्राचीन भूमि और ब्रह्मसरोवर को देख रही हूं, जो हमारी संस्कृत विविधता और ऐतिहासिक यात्रा का प्रतीक है. ' राष्ट्रपति ने वायुसेना की ताकत पर भरोसा जताते हुए आगे कहा, 'हमारी सैन्य क्षमता पर मेरा विश्वास और अधिक दृढ़ हो रहा है. इस उड़ान के लिए मैं अपने सैनिकों को धन्यवाद देना चाहती हूं. ' ऑपरेशन सिंदूर में रफाल लड़ाकू विमान का दम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अंबाला एयरबेस पर तैनात रफाल लड़ाकू विमानों ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालयों पर बमबारी कर तबाह कर दिया था.
को भले ही रोक दिया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री ने दो टूक कह दिया है कि अगर पाकिस्तान की तरफ से फिर कोई घटना जैसा दुस्साहस हुआ तो उसका बुरा अंजाम होगा. गुरुवार को ही देश की सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने राजस्थान और गुजरात से सटी सीमा के करीब त्रिशूल नाम का एक बड़ा ट्राई-सर्विस युद्धाभ्यास शुरू किया.







