मिनटों में पूरी दुनिया खाक कर सकता है रूस का 'पोसाइडन', जानें भारत-अमेरिका के परमाणु बम से है कितना अलग

मिनटों में पूरी दुनिया खाक कर सकता है रूस का 'पोसाइडन', जानें भारत-अमेरिका के परमाणु बम से है कितना अलग
By : | Edited By: विक्रम कुमार | Updated at : 30 Oct 2025 04:36 PM (IST)

रूस ने हाल ही में दुनिया के सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर पावर्ड अंडरवाटर टॉरपीडो पोसाइडन का सफल परीक्षण किया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि मॉस्को ने 28 अक्तूबर 2025 को आर्कटिक महासागर में अंडरवाटर ड्रोन 'पोसाइडन' का टेस्ट किया. पतिन ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह हथियार न्यूक्लियर यूनिट से लैस है. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि दुनिया में इस तरह का कोई और हथियार नहीं है, जिसका पावर रूस के सबसे बड़े ICBM सारमत से भी काफी ज्यादा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर रूस का ये हथियार भारत और अमेरिका के परमाणु हथियारों से कितना अलग है? कितना पावरफुल है रूस का पोसाइडन? पोसाइडन एक अत्याधुनिक हथियार है, जो परमाणु ऊर्जा से लैस है.

इसे पानी के अंदर पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है. इसका सबके बड़ी खासियत ये है कि इसमें बार-बार ईंधन डालने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि इसमें न्यूक्लियर फ्यूल यूनिट लगाया गया है. रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी TASS की रिपोर्ट के अनुसार यह 1 किलोमीटर से गहरे पानी में चल सकता है. पोसाइडन की स्पीड, रेंज और ताकत पोसाइडन का वजन 100 टन, लंबाई 20 मीटर और स्पीड 100 नॉट्स है. यह इतनी तेज है कि कोई सामान्य नौसेना इसे पकड़ नहीं पाएगी.

इसके पास देखते ही देखते पानी के भीतर अदृश्य होने की क्षमता है. इसमें दो मेगाटन तक का परमाणु वारहेड लगाया जा सकता है. रूसी सेना ने दावा किया है कि पोसाइडन लंदन जैसे 6 बड़े शहर को कुछ मिनटों में तबाह कर सकता है. इसकी रेंज की बात करें तो यह यह 14,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक दुश्मनों को ढेर कर सकता है. यह हिरोशिमा बम से 100 गुना ताकतवर 2 मेगाटन वॉरहेड ले जाता है.

यह आर्कटिक सागर से लॉन्च होकर प्रशांत महासागर तक पहुंच सकता है. दुनिया के 80 फीसदी तटीय शहर इसकी रेंज में आते हैं. इसके विस्फोट से समुद्र में इतनी तेज रेडियोएक्टिव लहरें उठेंगी कि तटीय शहर में सुनामी में डूब जाएगा. भारत और अमेरिका के हथियारों से कितना खतरनाक भारत के पास फिलहाल इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 है, जिसकी रेंज करीब 6000 किलोमीटर तक है. वहीं अमेरिका के पास सबसे अधिक 13,000 किलोमीटर की रेंज वाला मिसाइल है.

इन दोनों देशों के ये मिसाइल किसी भी दूसरे महाद्वीप तक हमला करने में सक्षम है.

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