संजौली मस्जिद विवाद: जिला अदालत से भी वक्फ बोर्ड को नहीं मिली राहत, निर्माण गिराने का आदेश बरकरार

संजौली मस्जिद विवाद: जिला अदालत से भी वक्फ बोर्ड को नहीं मिली राहत, निर्माण गिराने का आदेश बरकरार
By : | Updated at : 30 Oct 2025 02:53 PM (IST)

शिमला जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है. जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड की अपील को ख़ारिज करते हुए नगर निगम आयुक्त की अदालत के फ़ैसले को सही ठहराया है. इससे पहले 5 अक्टूबर 2024 और 3 मई 2025 को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद में हुए निर्माण को पूरी तरह अवैध करार देते हुए इसे गिराने के आदेश जारी किए थे. संजौली मस्जिद मामले में बक्फ बोर्ड की अपील पर जिला अदालत ने स्टे लगाया हुआ था. बक्फ बोर्ड ने नगर निगम शिमला कोर्ट के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी थी.

लेकिन अब मामले में बक्फ बोर्ड को जिला अदालत से भी राहत नहीं मिली है. बोर्ड अब ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है. अवैध निर्माण पर गिराने के आदेश बरकरार नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने तीन मई को पूरी संजौली मस्जिद को अवैध करार देते हुए तोड़ने के आदेश जारी किए थे. हालांकि वक्फ बोर्ड एमसी कोर्ट में मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज अदालत में पेश करने सहित मस्जिद का नक्शा भी अदालत में पेश नहीं कर पाया था. नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने साल 2024 की 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपर की 3 मंजिल गिराने के आदेश दिए थे.

इन आदेशों पर मस्जिद को तोड़ने का काम कछुआ चाल से चला रहा. अभी तक आधी मस्जिद ही टूटी है. 2024 में शुरू हुआ था विवाद, मल्याणा झड़प से भड़की थी स्थिति शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर पिछले साल विवाद शुरू हुआ था. जब 29 अगस्त 2024 को शिमला जिले के मल्याणा में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक शख्स को घायल कर दिया था. मामले ने तूल पकड़ा और 1 सितंबर 2024 को संजौली में मस्जिद के बाहर लोगों का गुस्सा भड़क उठा.

हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. यहीं से संजौली मस्जिद मामला शुरू हुआ. जिस पर पूरी मस्जिद को तोड़ने का फैसला आया. इस फैसले के खिलाफ अब वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया. लेकिन वहां से भी वक्फ बोर्ड को राहत नहीं मिली है.

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