बिहार विधानसभा चुनाव (2025) को लेकर महागठबंधन की ओर से जारी घोषणा पत्र पर एनडीए के नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी इस पर तेजस्वी यादव को घेरा है. लालू-राबड़ी के शासनकाल को याद दिलाते हुए आरजेडी नेता को खूब सुनाया. वे बुधवार (29 अक्टूबर, 2025) को पत्रकारों से बात कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "हम मगही हैं… मगही में कहा जाता है, बापे पूत परापत घोड़ा… न कुछ तो थोड़ा-थोड़ा, कहने का मतलब है कि इनके पिताजी और माता श्री का राज हम लोग देख चुके हैं.
जंगलराज देख चुके हैं. आतंकराज देख चुके हैं. विकास का कोसों दूर नाम नहीं था. हर तरह से बिहार कांप रहा था. उसको नीतीश कुमार और की डबल इंजन की सरकार ने सुधारा है.
" घोषणा पत्र में कोई सच्चाई नहीं: मांझी घोषणा पत्र को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "हम समझते हैं कि बिहार की जनता का दिमाग इतना कच्चा नहीं है कि इनके पिताश्री का राज भूल गया है. पिताश्री जिस कदम पर चले थे उससे दूसरे कदम पर ये (तेजस्वी यादव) चलने वाले नहीं हैं. इतना सब लोग समझता है. घोषणा पत्र कोरा कागज है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
वहां तक जाने में इनको (महागठबंधन) बहुत समय लगेगा. तब भले कुछ कर सकते हैं. " पत्रकारों ने मांझी से पूछा कि जननायक कौन है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि कर्पूरी ठाकुर हैं. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग कर्पूरी ठाकुर का अपमान कर रहे हैं. आम लोग कर्पूरी ठाकुर को जननायक मानता है.
उन्होंने कहा कि ये लोग अति पिछड़ा और पिछड़ा समाज का अपमान कर रहे हैं, इसको बिहार की जनता को समझना होगा. एक सवाल के जवाब में कहा कि फूटा कांच कभी जुटता है. टूटे हुए कांच को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो असंभव है.








