Fever Medicine: क्या बुखार आने पर हर बार दवाई खा लेना सही? एक्सपर्ट से समझें जरूरी बात

Fever Medicine: क्या बुखार आने पर हर बार दवाई खा लेना सही? एक्सपर्ट से समझें जरूरी बात
By : | Edited By: Sonam | Updated at : 24 Oct 2025 04:58 PM (IST)

When not to take Fever Medicine:बुखार आना आम बात है. मौसम बदलने, वायरल इंफेक्शन या थकान की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है. ऐसा होने पर कई लोग बिना सोचे-समझे पैरासिटामॉल या दूसरी दवाइयां ले लेते हैं. आइए जानते हैं कि क्या बुखार आने पर हर बार दवाई खा लेना सही है? इसे लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स? क्या बीमारी है बुखार? दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सीनियर इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल के मुताबिक, बुखार शरीर का डिफेंस सिस्टम है.

जब वायरस या बैक्टीरिया अटैक करते हैं तो शरीर तापमान बढ़ाकर उन्हें खत्म करने की कोशिश करता है. 99-100 डिग्री फारेनहाइट तक का बुखार नॉर्मल है और इसे तुरंत दवाई से दबाने की जरूरत नहीं. 'जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज' में 2025 के दौरान पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, हल्का बुखार (100-102 डिग्री) शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है. अगर बुखार 103 डिग्री से ज्यादा हो या तीन दिन से ज्यादा रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. रिसर्च में यह भी पाया गया कि बुखार को दवाइयों से बार-बार दबाने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है.

हर बार दवाई लेना क्यों गलत? डॉ. अनिल के मुताबिक, लोग बुखार आते ही पैरासिटामॉल या इबुप्रोफेन ले लेते हैं, लेकिन यह आदत सही नहीं. इन दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है. बुखार का कारण समझे बिना दवाई लेना खतरनाक हो सकता है. मसलन, अगर बुखार डेंगू या मलेरिया की वजह से है तो सिर्फ बुखार उतारने से बीमारी ठीक नहीं होगी.

'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन' की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, 60 पर्सेंट लोग बुखार के लिए बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाइयां लेते हैं. इससे न सिर्फ दवाइयों का असर कम होता है, बल्कि साइड इफेक्ट्स का खतरा भी बढ़ता है. बुखार आने पर क्या करें? डॉ. अनिल के मुताबिक, हल्का बुखार आने पर पहले घरेलू उपाय आजमाएं. खूब पानी पिएं, हल्का खाना खाएं और आराम करें.

बच्चों में 102 डिग्री तक बुखार को बिना दवाई मैनेज किया जा सकता है. गीले कपड़े से पोंछना और हल्के कपड़े पहनना मदद करता है. अगर बुखार के साथ सिरदर्द, उल्टी या सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. थर्मामीटर से बुखार मापें और 103 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह के हिसाब से दवाई लें.

ये तरीके आएंगे काम हाइड्रेशन जरूरी:बुखार में शरीर से पानी कम हो जाता है. पानी, नारियल पानी या ओआरएस पिएं. हल्का खाना:खिचड़ी, सूप या दलिया खाएं. तला-भुना खाना अवॉइड करें. आराम करें:बुखार में शरीर को रेस्ट की जरूरत होती है.

ज्यादा मेहनत न करें. साफ-सफाई:बार-बार हाथ धोएं, ताकि इंफेक्शन न फैले. Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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