पुलिस से लेकर एंबुलेंस कर्मी तक, इकलौती बेटी की मौत के बाद BPCL अधिकारी से हर जगह मांगी गई रिश्वत, ऐसे हुआ दर्दनाक खुलासा

पुलिस से लेकर एंबुलेंस कर्मी तक, इकलौती बेटी की मौत के बाद BPCL अधिकारी से हर जगह मांगी गई रिश्वत, ऐसे हुआ दर्दनाक खुलासा
By : | Edited By: सौरभ कुमार | Updated at : 30 Oct 2025 03:03 PM (IST)

बेंगलुरु से सामने आई एक हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के रिटायर अधिकारी के. शिवकुमार ने अपनी बेटी की असमय मृत्यु के बाद सरकारी सिस्टम की भ्रष्ट मानसिकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा कि उनकी बेटी अक्षया के निधन के बाद हर विभाग एम्बुलेंस सेवा से लेकर श्मशान और BBMP (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike) तक सभी ने रिश्वत मांगी. शिवकुमार की यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई.

हजारों लोगों ने इसे साझा करते हुए गहरी संवेदना और गुस्सा दोनों व्यक्त किया. 34 वर्षीय अक्षया एक बेहद शिक्षित और प्रतिभाशाली प्रोफेशनल थीं. उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बी. टेक करने के बाद IIM अहमदाबाद से MBA पूरा किया. वह गोल्डमैन सैक्स में 8 वर्षों तक कार्यरत रहीं और करीब 11 साल तक वित्तीय क्षेत्र में सफल करियर बनाया, लेकिन 18 सितंबर 2025 को ब्रेन हेमरेज के कारण उनकी अचानक मृत्यु हो गई.

दुख की इस घड़ी में पिता को जिस प्रशासनिक अमानवीयता का सामना करना पड़ा उसने समाज को झकझोर कर रख दिया. हर जगह रिश्वत मांगने वालों का सामना किया- के शिवकुमारशिवकुमार के अनुसार, बेटी की मौत के बाद भी कोई विभाग संवेदनशील नहीं था. एम्बुलेंस कर्मचारी ने शव अस्पताल ले जाने के लिए तीन हजार रुपये की मांग की. पुलिस अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपने के लिए नकद रिश्वत मांगी. बीबीएमपी कार्यालय में मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उन्हें कई दिनों तक चक्कर काटने पड़े.

आखिर अतिरिक्त भुगतान करने पर ही प्रमाण पत्र मिला. उन्होंने कहा कि जिस देश में अपने इकलौते बच्चे की मौत के बाद भी रिश्वत देनी पड़े, वहां आम नागरिक का क्या हाल होगा? मेरे पास पैसे थे इसलिए मैंने दे दिए, लेकिन जो गरीब होगा, वह क्या करेगा?” पुलिस की कार्रवाई दो कर्मी निलंबितघटना सोशल मीडिया पर फैलते ही बेंगलुरु पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. व्हाइटफ़ील्ड डिवीजन की तरफ से की गई जांच में पाया गया कि बेलंदूर पुलिस स्टेशन के एक उप-निरीक्षक (PSI) और एक कॉन्स्टेबल ने अनुचित व्यवहार किया. दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. पुलिस विभाग ने बयान जारी करते हुए कहा, “रिश्वतखोरी और असंवेदनशीलता किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है.

दोषी पाए गए कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी रहेगी. ” भाजपा ने सरकार को घेराघटना ने राजनीतिक विवाद का रूप भी ले लिया. भाजपा उपाध्यक्ष मालविका अविनाश ने कांग्रेस सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला राज्य प्रशासन की असफलता को उजागर करता है. उन्होंने कहा, “एक पिता जिसने अपनी बेटी खो दी, उसे सरकारी भ्रष्टाचार के कारण और भी कष्ट झेलना पड़ा. यह सरकार की संवेदनहीनता का उदाहरण है.

” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि के. शिवकुमार की वायरल पोस्ट बाद में क्यों हटाई गई और क्या उन्हें ऐसा करने के लिए दबाव डाला गया. बीबीएमपी पर उठे सवाल जनता में आक्रोशइस मामले ने बेंगलुरु नगर निगम (BBMP) के कामकाज पर गहरी छाप छोड़ी है. शिवकुमार ने आरोप लगाया कि प्रमाण पत्र के लिए जब उन्होंने दफ्तर का रुख किया तो कर्मचारियों ने जाति सर्वेक्षण का बहाना बनाकर पांच दिनों तक उन्हें टरकाया. आख़िरकार एक वरिष्ठ अधिकारी की सिफारिश और अतिरिक्त भुगतान के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया गया.

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