राजस्थान के जयपुर जिले के मनोहरपुर इलाके से एक दर्दनाक हादसे का मामला सामने आया है. 28 अक्तूबर को एक निजी स्लीपर बस में अचानक आग लगने से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निवासी पिता और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई. दोनों की पहचान नसीम मियां (50) और उनकी बेटी सनम (20) के रूप में हुई है. यह हादसा तब हुआ जब उनके परिजन भी बस में मौजूद थे और सामने से इस भयावह दृश्य को देख रहे थे. मजदूरों से भरी बस में बिजली के तार के संपर्क में आने से हादसा हो गया जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया.
बस में 50 से ज्यादा मजदूर सवार पुलिस के मुताबिक, इस निजी बस में करीब 50 से ज्यादा मजदूर सवार थे, जो मनोहरपुर के ईंट भट्टे पर काम करने जा रहे थे. हादसे में 2 की मौत हुई जबकि 10 अन्य झुलस गए हैं. जयपुर के अपर पुलिस अधीक्षक तेजपाल सिंह ने बताया कि जब बस एक कच्चे रास्ते से गुजर रही थी, तभी छत पर रखा सामान हाईटेंशन लाइन को छू गया. इसके तुरंत बाद बस में आग लग गई और रसोई गैस सिलेंडरों की मौजूदगी ने स्थिति को और भयावह बना दिया. तीन साल से कर रहे थे मजदूरी मृतक नसीम मियां पिछले 3 साल से जयपुर के मनोहरपुर स्थित एक ईंट भट्टे पर मजदूरी करते थे.
उनके साथ उनकी पत्नी नजमा, बेटे राजा और फैजान, बेटियां सनम और सेहरुन भी उसी बस में सवार थे. हादसे के वक्त पूरा परिवार राजस्थान जाने के लिए सोमवार शाम बस से निकला था. नसीम के गांव शेरपुर कलां और आसपास के इलाकों से भी कई परिवार मजदूरी के लिए राजस्थान आते-जाते रहे हैं. परिजनों के सामने हुई दर्दनाक मौत पूरनपुर थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि हादसे के वक्त बस में सवार नसीम की पत्नी और बेटे ने अपनी आंखों के सामने पिता और बहन को आग की लपटों में घिरते देखा. गांव के ही अन्य मजदूर परिवार- नूर मोहम्मद और रहीस- भी बस में थे.
पीटीआई के अनुसार, प्रशासन ने घायल मजदूरों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया है. राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि पीलीभीत में पूरे गांव में मातम का माहौल है.








