‘जो लोग मौलिक अधिकारों को छीनने की बात करें, उन्हें...’, CJI पर जूता फेंकने की कोशिश पर बोले मल्लिकार्जुन खरगे

‘जो लोग मौलिक अधिकारों को छीनने की बात करें, उन्हें...’, CJI पर जूता फेंकने की कोशिश पर बोले मल्लिकार्जुन खरगे
By : | Edited By: विजय कुमार बिट्ठल | Updated at : 08 Oct 2025 05:02 PM (IST)
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This article highlights: ‘जो लोग मौलिक अधिकारों को छीनने की बात करें, उन्हें...’, CJI पर जूता फेंकने की कोशिश पर बोले मल्लिकार्जुन खरगे. In context: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना की निंदा की है खरगे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के उच्च न्यायाधीश के साथ जो घटना घटी है, वह पूरी तरह से निंदनीय है और ऐसे कृत्यों की घोर निंदा होनी चाहिए. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना की निंदा की है. खरगे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के उच्च न्यायाधीश के साथ जो घटना घटी है, वह पूरी तरह से निंदनीय है और ऐसे कृत्यों की घोर निंदा होनी चाहिए.

मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार (8 अक्टूबर, 2025) को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के उच्च न्यायाधीश का जो अपमान किया गया, हम उसकी घोर निंदा करते हैं और ऐसी विचारधारा अगर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के पास होती है, तो वो संविधान का अपमान है. जो विचारधारा इंसान को इंसान ना माने, वो मानसिकता संविधान के अनुसार नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘मनुस्मृति के नाम पर जो लोगों के बुनियादी अधिकारों को छीनने की बात करें, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. जो लोग समाज में अनावश्यक तनाव फैलाने और शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा, ‘इस देश के जितने भी प्रगतिशील विचारधारा के लोग हैं. जो लोग लोकतंत्र की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ते हैं, उनका मैं आभारी हूं.’

जूता फेंकने वाले वकील को लेकर क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे?

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की है, यह पूरी तरह से दंडनीय है और ऐसे लोगों को बार एसोसिएशन (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) की ओर से डिबार कर देना चाहिए.

खरगे ने कहा, ‘जिस वकील ने इस कृत्य को अंजाम देने की कोशिश की है, उसकी विचारधारा यह है कि वो इंसान को इंसान नहीं समझता है और महिलाओं को आज के जमाने में जो स्थान और मान मिलना चाहिए, ऐसी विचारधारा उन्हें उनसे वंचित करना सीखाता है और देश के आजाद होने के 78 साल बाद भी अगर ऐसी मानसिकता है तो आप देखिए कि किस ढंग से इसको ऐसे वकील लोग चलाना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं उन सभी वकीलों, संस्थाओं और सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस घटना की निंदा की, जिन्होंने संविधान के तहत बात की, जिन्होंने मौलिक अधिकारों की हिफाजत के बारे में बात की.’

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