दिल्ली में प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए की गई क्लाउड सीडिंग की कोशिश पर अब सियासत तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेखा सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने कृत्रिम वर्षा के नाम पर जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी की है और झूठी वाहवाही लूटने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है. 'प्रदूषण बड़ा मुद्दा, सरकार का तरीका गलत' सौरभ भारद्वाज ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. जनता उम्मीद करती है कि सरकार वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करे और जनता के टैक्स के पैसों का सही उपयोग करे.
लेकिन जब जानबूझकर पैसों की बर्बादी होती है, तो यह भ्रष्टाचार कहलाता है, चाहे वह पैसों का हो, झूठी वाहवाही का, या जनता को गुमराह करने का. " 'मानसून में क्लाउड सीडिंग का ऐलान ही मजाक था' आप नेता ने याद दिलाया कि जब दिल्ली सरकार ने मानसून के दौरान क्लाउड सीडिंग कराने की घोषणा की थी, तब उन्होंने इसे मजाक बताया था, क्योंकि उस वक्त खुद प्राकृतिक बारिश हो रही थी. बाद में सरकार ने कहा कि दिवाली के बाद कृत्रिम वर्षा कराई जाएगी, लेकिन दिवाली के बाद भी ऐसा नहीं हुआ. भारद्वाज ने कहा इस पर जब हमने सवाल किया तो कहा गया कि 29 अक्टूबर को कराएंगे, लेकिन फिर भी आसमान से एक बूंद पानी नहीं गिरा. 'इंद्र भगवान भी हो गए नाराज' सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा, "सरकार ने जब देखा कि बादल छाए हैं, तो दावा कर दिया कि यह कृत्रिम वर्षा है.
असल में उन्होंने इंद्र भगवान की बारिश का क्रेडिट चुराने की कोशिश की, जैसे वे अरविंद केजरीवाल के कामों का क्रेडिट चुराते हैं. लेकिन इंद्र भगवान नाराज हो गए, नतीजा ये कि जिन इलाकों में उन्होंने बारिश की भविष्यवाणी की, वहां एक बूंद भी पानी नहीं गिरा. " 'वैज्ञानिक सलाह को दरकिनार कर सरकार ने किया स्कैम' आप नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार और वैज्ञानिक संस्थाओं की सलाह को नजरअंदाज किया. उन्होंने कहा कि जब गोपाल राय मंत्री थे, तब इस विषय पर आईएमडी, सीएमक्यूम, सीपीसीबी जैसी संस्थाओं से राय मांगी गई थी. तीनों विभागों ने साफ कहा था कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस समय प्राकृतिक वर्षा संभव है और प्रयोग में लाए जाने वाले केमिकल से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
" 'जब विशेषज्ञों ने मना किया, तो करोड़ों क्यों उड़ाए' सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया, जब केंद्र सरकार के तीन विभागों ने ही कहा था कि क्लाउड सीडिंग वैज्ञानिक रूप से संभव नहीं है, तो आखिर दिल्ली सरकार ने करोड़ों रुपए के इस सर्कस को क्यों खड़ा किया? किसे बेवकूफ बनाया जा रहा है? उन्होंने इस पूरे प्रकरण को एक बड़ा स्कैम बताया और कहा कि जनता इस पर जवाब मांगेगी. 'इंजीनियर नहीं, बारहवीं पास निकले' सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा पर तंज कसते हुए कहा, जब सिरसा रोज सूट पहनकर क्लाउड सीडिंग पर ज्ञान दे रहे थे, तो मुझे लगा यह कोई इंजीनियर हैं. लेकिन जब मैंने गूगल किया तो पता चला कि ये 12वीं पास हैं. उन्होंने आगे कहा, सिरसा ने पंजाबी में ग्रेजुएशन शुरू किया था, लेकिन बीच में ही ड्रॉप आउट हो गए. इतना ही नहीं, सिख कमेटी के चुनाव में गुरुमुखी के टेस्ट में भी फेल हो गए थे.
एक हमारी सरकार थी, जिसमें मुख्यमंत्री IIT से थे, और अब इनके मंत्री पता नहीं कहां-कहां से आ जाते हैं. आप नेता ने बताया कि उनकी सरकार ने 2022, 2023 और 2024 में क्लाउड सीडिंग को लेकर प्रयास जरूर किए थे, लेकिन 5 दिसंबर 2024 को जब उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, तभी एक्सपर्ट ओपिनियन आई थी. भारद्वाज ने कहा, उसके बाद हमने इस पर आगे कदम नहीं बढ़ाया. लेकिन नई सरकार ने वही रिपोर्ट आने के बाद जनता के पैसों में आग लगा दी. रेखा गुप्ता को बताना चाहिए कि आखिर यह फैसला किस आधार पर लिया गया.
जनता को गुमराह करने की कोशिश बेनकाब प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह मामला सिर्फ पैसे की बर्बादी नहीं, बल्कि जनता को गुमराह करने और वैज्ञानिकों की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता के साथ मिलकर इस क्लाउड सीडिंग स्कैम का सच सामने लाएगी.








