Google नहीं था भारत का पहला सर्च इंजन! जानिए 90 के दशक में भारतीय कैसे करते थे इंटरनेट सर्च

Google नहीं था भारत का पहला सर्च इंजन! जानिए 90 के दशक में भारतीय कैसे करते थे इंटरनेट सर्च
By : | Edited By: हिमांशु तिवारी | Updated at : 29 Oct 2025 08:32 AM (IST)

Show Quick Read Key points generated by AI, verified by newsroom Google: आज अगर कोई जानकारी चाहिए तो सबसे पहले हमारे दिमाग में Google का नाम आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत गूगल से नहीं हुई थी? 90 के दशक के आखिरी वर्षों में जब कंप्यूटर और डायल-अप कनेक्शन पहली बार घरों तक पहुंचे थे, तब भारतीय इंटरनेट की दुनिया में कदम रख रहे थे और उस वक्त Google का नाम तक नहीं था. Rediff और Yahoo 90 के दशक में जब इंटरनेट नया-नया आया था तब भारतीय यूजर्स की ऑनलाइन दुनिया Rediff. com और Yahoo! जैसे पोर्टल्स से शुरू होती थी. ये सिर्फ सर्च इंजन नहीं, बल्कि इंटरनेट की एंट्री गेट माने जाते थे.

लोग Rediff Mail पर अपनी पहली ईमेल आईडी बनाते थे, वहीं पर क्रिकेट स्कोर और ताज़ा खबरें देखते थे. जानकारी खोजने के लिए उसी वेबसाइट के सर्च बार का इस्तेमाल किया जाता था. उस दौर में Yahoo! दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोर्टल था और ज्यादातर भारतीय यूजर्स जानकारी के लिए उसी पर भरोसा करते थे. वहीं, टेक्नोलॉजी में रुचि रखने वाले लोग AltaVista का इस्तेमाल करते थे क्योंकि वह बेहतर और तेज सर्च रिज़ल्ट देने के लिए जाना जाता था. धीमा इंटरनेट और मुश्किल सर्च 90 के दशक में इंटरनेट से जुड़ना आसान नहीं था.

डायल-अप कनेक्शन को कनेक्ट होने में एक मिनट से ज़्यादा समय लग जाता था. धीमी स्पीड की वजह से यूजर्स ऐसी वेबसाइट्स पसंद करते थे जो एक ही पेज पर ज्यादा जानकारी दे सकें ताकि उन्हें बार-बार पेज बदलने की जरूरत न पड़े. हालांकि, शुरुआती सर्च इंजन बहुत सटीक जानकारी नहीं दे पाते थे. वेबसाइट्स पर ढेर सारे बैनर और विज्ञापन भरे होते थे जिससे जरूरी जानकारी खोजना काफी मुश्किल हो जाता था. Google का आगमन और इंटरनेट की क्रांति साल 2000 के आसपास Google ने दुनिया भर में दस्तक दी.

यह बाकी पोर्टल्स से बिल्कुल अलग था सादा इंटरफेस, कोई विज्ञापन नहीं, सिर्फ सर्च पर ध्यान. Google की सबसे बड़ी ताकत उसका PageRank Algorithm था जो यूजर्स को सबसे प्रासंगिक और सही रिज़ल्ट दिखाता था. यह तकनीक इतनी सटीक थी कि लोगों को यह किसी जादू से कम नहीं लगी. धीरे-धीरे भारतीयों की इंटरनेट आदतें बदलने लगीं. अब वे Yahoo! या Rediff जैसे पोर्टल्स पर जाने के बजाय सीधे Google खोलते थे.

इंटरनेट सर्च करना अब Google करना कहलाने लगा.

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