Health Ministry order AIIMS: अब एम्स के डॉक्टरों की लिखावट समझने में नहीं होगी दिक्कत, हिंदी में लिखना होगा मरीजों का पर्चा

Health Ministry order AIIMS: अब एम्स के डॉक्टरों की लिखावट समझने में नहीं होगी दिक्कत, हिंदी में लिखना होगा मरीजों का पर्चा
By : | Edited By: Sonam | Updated at : 30 Oct 2025 03:01 PM (IST)

AIIMS doctors Hindi prescription:एम्स में अब डॉक्टर मरीजों के पर्चे हिंदी में लिखेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि डॉक्टरों को डेली के कामकाज में हिंदी का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जब पर्चे और दवाइयों का नाम हिंदी में लिखा जाएगा तो मरीज और उनके परिवार को आसानी होगी. अक्सर देखा गया है कि अंग्रेजी में लिखी दवा या परामर्श मरीज समझ नहीं पाते, जिससे इलाज में दिक्कत आती है. अब यह बाधा काफी हद तक कम होगी और मरीज आसानी से जान पाएंगे कि कौन-सी दवा कब लेनी है.

छात्रों पर दबाव नहीं, अंग्रेजी भी विकल्प एम्स में मेडिकल पढ़ाई हिंदी में कराने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन यह पूरी तरह वैकल्पिक रहेगा. यानी छात्रों पर केवल हिंदी में पढ़ाई करने का दबाव नहीं होगा. जो छात्र अंग्रेजी में पढ़ना चाहते हैं, वे उसी भाषा में पढ़ाई जारी रख सकते हैं. हालांकि मेडिकल पढ़ाई को पूरी तरह हिंदी में करना आसान नहीं है. इसकी वजह है कि कई मेडिकल शब्द आमतौर पर अंग्रेजी में ही इस्तेमाल होते हैं.

जैसे हार्ट, लिवर आदि. इन्हें शुद्ध हिंदी में बदलना छात्रों और मरीजों दोनों के लिए मुश्किल हो सकता है. इसलिए एम्स में ऐसे कठिन शब्द अंग्रेजी के ही रखे जाएंगे ताकि पढ़ाई और इलाज प्रभावित न हों. मेडिकल पढ़ाई हिंदी में कराने का आदेश स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स को निर्देश दिया है कि मेडिकल शिक्षा के लिए हिंदी किताबें खरीदी जाएं. साथ ही शोध कार्यों में भी हिंदी का प्रयोग बढ़ाया जाए.

न सिर्फ पढ़ाई बल्कि संस्थान के पत्राचार और रिसर्च रिपोर्ट्स में भी हिंदी को प्राथमिकता दी जाएगी. एम्स को मिलने वाले पत्रों का जवाब भी हिंदी में दिया जाएगा. जरूरत पड़ने पर अंग्रेजी अनुवाद भी भेजा जा सकेगा. मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम लोगों के लिए चिकित्सा सुविधाएं अधिक आसान हो जाएंगी. भविष्य की तैयारी एम्स जैसे बड़े संस्थानों को धीरे-धीरे हर विभाग में हिंदी का इस्तेमाल शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.

छात्रों को हिंदी में मेडिकल पढ़ाई का विकल्प मिलेगा और डॉक्टरों को मरीजों से बातचीत व पर्चा लिखने में हिंदी अपनाने की सलाह दी गई है. इसके लिए पूरा खाका तैयार किया जा चुका है. इस पहल से उन छात्रों को सबसे ज्यादा मदद मिलेगी जिन्हें अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती है. अब वे अपनी भाषा में पढ़ाई कर पाएंगे. वहीं मरीजों के लिए भी यह राहत की बात होगी क्योंकि डॉक्टर जब हिंदी में परामर्श और दवा लिखेंगे तो उन्हें और उनके परिवारों को समझने में आसानी होगी.

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. Check out below Health Tools-.

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