BMC चुनाव से पहले सियासत तेज, मुंबई में लगे 'बुलडोजर बाबा' और 'देवाभाऊ' के पोस्टर

BMC चुनाव से पहले सियासत तेज, मुंबई में लगे 'बुलडोजर बाबा' और 'देवाभाऊ' के पोस्टर
By : | Edited By: ज़हीन तकवी | Updated at : 14 Oct 2025 04:44 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: BMC चुनाव से पहले सियासत तेज, मुंबई में लगे 'बुलडोजर बाबा' और 'देवाभाऊ' के पोस्टर. In context: आय लव मोहम्मद को लेकर दिखे विवाद के बीच मुंबई में भी पोस्टरबाजी शुरू हो गई है मुंबई के अंधेरी इलाके में योगी आदित्यनाथ और देवेंद्र फडणवीस के पोस्टर लगे हैं. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

आय लव मोहम्मद को लेकर दिखे विवाद के बीच मुंबई में भी पोस्टरबाजी शुरू हो गई है. मुंबई के अंधेरी इलाके में योगी आदित्यनाथ और देवेंद्र फडणवीस के पोस्टर लगे हैं. पोस्टर पर आई लव बुलडोजर बाबा और आई लव देवाभाऊ के नारे लिखे गए हैं.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर पर आई लव बुलडोजर बाबा लिखा गया है तो सीएम फडणवीस के पोस्टर पर आई लव देवाभाऊ के साथ बुलडोजर भी छपा है.

विकास और निर्णायक नेतृत्व की छवि की गई है पेश

पोस्टर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लगाए हैं, जो इस बात का संकेत दे रहे हैं कि बीएमसी चुनाव में धार्मिक मुद्दे भी दिखाई देंगे . पोस्टर में ‘बुलडोज़र बाबा’ के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए माफियाओं पर कार्रवाई की छवि को उभारा गया है, जबकि दूसरे पोस्टर यानी आई लव देवाभाऊ में सीएम देवेंद्र फडणवीस को केंद्र में रखकर विकास और निर्णायक नेतृत्व की छवि पेश की गई है .

महायुति के अलावा महाविकास आघाड़ी में भी हलचल तेज

बीएमसी चुनाव की बात करे तो सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी 2026 तक कराने का आदेश राज्य चुनाव आयोग और महाराष्ट्र सरकार को दिया है. ऐसे में महायुति के अलावा महाविकास आघाड़ी में भी हलचल तेज हो गई है, सबकी नजरें इस पर है कि क्या राज ठाकरे भी महाविकास आघाड़ी का हिस्सा बनेंगे.

जानकारी के लिए बता दें, मुंबई में बीएमसी चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं. बीजेपी, की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी मिलकर चुनाव लड़ सकती हैं. दूसरी ओर, महा विकास अघाड़ी के दलों में गठबंधन पर अब तक सहमति नहीं बनी है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना राज ठाकरे की मनसे से हाथ मिलाकर मैदान में उतर सकती है. जबकि कांग्रेस शरद पवार की एनसीपी के साथ या फिर अकेले दम पर चुनाव लड़ सकती है.

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