Show Quick Read Key points generated by AI, verified by newsroom इस्तांबुल में हो रही पाकिस्तान-अफगनिस्तान शांति वार्ता 4 दिनों की बातचीत के बाद आखिरकार डोर टूट गई. इसी बीच रिपोर्टों से पता चला है कि गतिरोध की असली वजह इस्लामाबाद का अपनी धरती से अमेरिकी ड्रोन हमलों की अनुमति देने वाला गुप्त समझौता था, न कि भारतीय हस्तक्षेप. टोलो न्यूज़ के अनुसार, अफगान वार्ताकारों ने पाकिस्तान से अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बंद करने और उनके क्षेत्र में विदेशी ड्रोन उड़ानों को रोकने के लिए लिखित प्रतिबद्धता की मांग की. बदले में काबुल ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सहित पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों को सीमा पार से सक्रिय होने से रोकने का वचन देने की बात कही. हालांकि, वार्ता की डोर तब टूट गई जब पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि एक विदेशी देश उनके क्षेत्र से ड्रोन ऑपरेशन कर रहा था, जिसकी बाद में टोलो न्यूज ने पुष्टि करते हुए कहा कि वो अमेरिका था.
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच क्या है समझौताअफगान आउटलेट ने एक रिपोर्ट में कहा कि पहली बार पाकिस्तान ने इन वार्ताओं के दौरान स्वीकार किया कि उसका अमेरिका के साथ ड्रोन हमलों की अनुमति देने वाला समझौता है और दावा किया कि वह उस समझौते को नहीं तोड़ सकता. डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग मज़बूत किया है. इस बीच ट्रंप ने तालिबान से बगराम एयरबेस अमेरिका को वापस देने को कहा है और चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ख्वाजा आसिफ ने भारत पर लगाए आरोपपाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर वार्ता को विफल करने का आरोप लगाया. उन्होंने जियो न्यूज से कहा कि काबुल में बैठे लोग जो कठपुतली का खेल खेल रहे हैं, उन्हें दिल्ली नियंत्रित कर रही है.
अफगान मीडिया ने बताया कि आसिफ ने यह नहीं बताया कि पाकिस्तान के अमेरिकी ड्रोनों को रोकने में असमर्थता की पुष्टि करने वाले फोन कॉल के तुरंत बाद उनके प्रतिनिधिमंडल का रुख कैसे बदल गया. अफगान पत्रकार तमीम बहिस ने एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान ने एक विदेशी देश के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की बात स्वीकार की है, जो अफगानिस्तान के अंदर निगरानी और संभावित हमलों के लिए अपने हवाई क्षेत्र में ड्रोन को संचालित करने की अनुमति देता है. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने इस्लामाबाद को चेतावनी दी है कि अफगान हवाई क्षेत्र के किसी भी नए उल्लंघन का पारस्परिक जवाब दिया जाएगा. ये भी पढ़ें.








