अमेरिका से AMRAAM मिसाइल खरीदेगा पाकिस्तान, ये भारत की HAMMER और SCALP के सामने कहां टिकेगी? पढ़ें कंपैरिजन

अमेरिका से AMRAAM मिसाइल खरीदेगा पाकिस्तान, ये भारत की HAMMER और SCALP के सामने कहां टिकेगी? पढ़ें कंपैरिजन
By : | Edited By: सौरभ कुमार | Updated at : 08 Oct 2025 03:47 PM (IST)
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This article highlights: अमेरिका से AMRAAM मिसाइल खरीदेगा पाकिस्तान, ये भारत की HAMMER और SCALP के सामने कहां टिकेगी? पढ़ें कंपैरिजन. In context: ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों बुरी तरह मार खाने के बाद पाकिस्तान अमेरिका की शरण में जा पहुंचा है इसका नतीजा ये हुआ है कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से लेकर आर्मी चीफ आसिम मुनीर तक अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के सामने सिर झुकाने पहुंच गए, जहां पर उन्होंने कई तरह के सैन्य डील को अंजाम दिया. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों बुरी तरह मार खाने के बाद पाकिस्तान अमेरिका की शरण में जा पहुंचा है. इसका नतीजा ये हुआ है कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से लेकर आर्मी चीफ आसिम मुनीर तक अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के सामने सिर झुकाने पहुंच गए, जहां पर उन्होंने कई तरह के सैन्य डील को अंजाम दिया. इस बीच पाकिस्तान को अमेरिका से AIM-120 उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (AMRAAM) मिलने की संभावना है.

अमेरिका से मिलने वाली AMRAAM मिसाइल की खासियत पर बात करें तो AIM-120 AMRAAM एक एयर-टू-एयर मिसाइल है, जो दुश्मन के विमान को लंबी दूरी से निशाना बनाने में सक्षम है. इसे F-16 फाल्कन लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किया जाता है. मौजूदा वक्त में AMRAAM का C5 वर्जन पाकिस्तानी वायु सेना के पास है, जबकि नया सौदा C8 और D3 वर्जन के उत्पादन के लिए है. AIM-120D और इसका नवीनतम संस्करण AIM-120D-3 अमेरिकी वायुसेना (USAF) और नौसेना के बेड़े में शामिल सबसे एडवांस एयर-टू-एयर मिसाइलों में से हैं. AIM-120D की अधिकतम रेंज 180 किलोमीटर से अधिक है, जो इसे आधुनिक युद्धक्षेत्र में लंबी दूरी पर दुश्मन के विमान, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को सटीकता से निशाना बनाने की क्षमता देती है.

राफेल फाइटर जेट में मिसाइल का इस्तेमाल

भारतीय वायु सेना ने के दौरान राफेल का इस्तेमाल कर पाकिस्तान की हालत खराब कर दी थी. इसका नतीजा ये हुआ कि उसके कई एयरबेस तबाह हो गए थे. एयरफोर्स ने राफेल में जिन मिसाइलों को इस्तेमाल किया था उसमें 2 बेहद महत्वपूर्ण हैं. SCALP, जिसे कुछ जगहों पर Storm Shadow या SCALP कहा जाता है, एक लंबी दूरी की सटीक क्रूज मिसाइल है. इसे यूरोपीय कंपनी MBDA ने बनाया है. इस मिसाइल की रेंज लगभग 250 से 560 किलोमीटर है और इसका वजन करीब 1,300 किलोग्राम होता है. इसकी गति लगभग 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा है. HAMMER, जिसे SAFRAN कंपनी ने विकसित किया है, यह एक एयर-लॉन्च गाइडेड म्यूनिशन है. इसकी रेंज लगभग 20 से 70 किलोमीटर तक होती है और इसका वजन 125 किलोग्राम से लेकर 1000 किलोग्राम तक अलग-अलग मिशन की ज़रूरत के अनुसार चुना जा सकता है.

राफेल की खासियत क्या है?

राफेल एक मल्टी-रोल फाइटर जेट (MRFA) है जिसे फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने डेवलप किया है. यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों प्रकार के मिशनों में काम करता है. इसकी अधिकतम स्पीड करीब 2,200 किलोमीटर प्रति घंटा है और रेंज करीब 3,700 किलोमीटर तक है. इसकी ईंधन क्षमता लगभग 11,200 लीटर है और यह 50,000 फीट तक उड़ सकता है. राफेल में 30 मिमी की तोप और 14 हार्डपॉइंट होते हैं, जिन पर मिसाइलें और बम लगाए जा सकते हैं. इसमें आधुनिक AESA रडार, डेटा लिंक और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम मौजूद है जो इसे किसी भी वातावरण में प्रभावी बनाता है.

SCALP और HAMMER को एक साथ ले जा सकता है राफेल

राफेल विमान SCALP और HAMMER दोनों मिसाइलों को एक साथ ले जा सकता है. इसका मतलब है कि यह एक ही मिशन में लंबी दूरी और मध्यम दूरी दोनों पर हमला करने में सक्षम है. एयर-रेफ्यूलिंग की सुविधा इसे लंबी अवधि तक ऑपरेशन करने की क्षमता देती है. वहीं F-16 में लगने वाला AIM-120 AMRAAM का रेंज SCALP से काफी कम है.

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