ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले देश के दोनों मुख्य फाइटर जेट, सुखोई और राफेल में उड़ान भरकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास रच दिया है. बुधवार को देश की सुप्रीम कमांडर ने अंबाला एयरबेस पर राफेल में आधे घंटे की उड़ान भरी. सुखोई भी उड़ा चुकी हैं मुर्मूवर्ष 2023 में राष्ट्रपति ने तेजपुर एयरबेस (असम) से सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण में (6-7 मई की रात) को राफेल लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के मुख्यालयों पर बमबारी कर तबाह कर दिया था. ऑपरेशन के दूसरे चरण में वायुसेना ने (9-10 मई की रात) को सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल के जरिए पाकिस्तान के 11 एयरबेस बर्बाद किए थे.
द्रौपदी मुर्मू को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनरबुधवार की सुबह, राष्ट्रपति मुर्मू अंबाला एयरबेस पहुंची, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद राष्ट्रपति ने एयरबेस पर तैनात वायु-योद्धाओं से मुलाकात की. अंबाला एयरबेस पर तैनात राफेल लड़ाकू विमान की गोल्डन एरो (17वीं) स्क्वाड्रन ने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई थी. इस दौरान, सुप्रीम कमांडर को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की मौजूदगी में राफेल, अंबाला एयरबेस और एयरफोर्स की ऑपरेशन्ल क्षमताओं के बारे में ब्रीफिंग दी गई. इसी महीने वायुसेना दिवस (8 अक्टूबर) के अवसर पर एयर चीफ मार्शल ने में अहम भूमिका निभाने के लिए गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार ने गोल्डन ऐरो के (तत्कालीन) कमांडिंग ऑफिसर (सीओ), ग्रुप कैप्टन रंजीत सिंह सिधू को वीर चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की थी. वर्ष 2020 में फ्रांस से जब पहली बार राफेल लड़ाकू विमान भारत आए थे तो पहली स्क्वाड्रन इसी अंबाला एयरबेस पर तैनात किए गए थे (दूसरी स्क्वाड्रन, पश्चिम बंगाल के हासिमारा में तैनात है). गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के मौजूदा कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने सुप्रीम कमांडर के साथ राफेल फाइटर में उड़ान भरी. राष्ट्रपति भवन के मुताबिक, एयरक्राफ्ट ने करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 700 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरी. आंधे घंटे में राष्ट्रपति ने करीब 200 किलोमीटर का हवाई सफर किया.
राष्ट्रपति के साथ इन्होंने भी भरी उड़ानग्रुप कैप्टन गेहानी और राष्ट्रपति के समय ही वायुसेना प्रमुख ने भी राफेल में भी अंबाला एयरबेस से उड़ान भरी. उड़ान भरने के बाद राष्ट्रपति ने एयरबेस पर आगंतुक पुस्तिका में एक संक्षिप्त नोट लिखकर अपनी भावनाएं व्यक्त की. आगंतुक पुस्तिका में राष्ट्रपति ने लिखा कि, 'भारतीय वायु सेना के राफेल विमान पर अपनी पहली उड़ान के लिए वायु सेना स्टेशन अंबाला आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है. राफेल पर उड़ान मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है. ' सुप्रीम कमांडर ने लिखा कि 'प्रबल राफेल विमान पर इस पहली उड़ान ने मुझमें राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नई भावना भर दी है.
मैं इस उड़ान के सफल आयोजन के लिए भारतीय वायु सेना और वायुसेना स्टेशन, अंबाला की पूरी टीम को बधाई देती हूं. ' द्रौपदी मुर्मू से पहले तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. लेकिन ने सुखोई के साथ राफेल में उड़ान भर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया है.








