उत्तराखंड में ठप पड़ा परिवहन: गढ़वाल में चक्का जाम से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, सरकार से लिखित आश्वासन की मांग

उत्तराखंड में ठप पड़ा परिवहन: गढ़वाल में चक्का जाम से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, सरकार से लिखित आश्वासन की मांग
By : | Updated at : 29 Oct 2025 01:41 PM (IST)

उतराखंड में परिवहन महासंघ के आह्वान पर बुधवार को पूरे गढ़वाल मंडल में परिवहन व्यवसायियों ने एक दिवसीय चक्का जाम किया, देहरादून और पर्वतीय जिलों की यूनियनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया. सुबह से ही ऋषिकेश, नई टिहरी, श्रीनगर, पौड़ी और आसपास के क्षेत्रों में जीप, टैक्सी, बसों और ट्रकों का संचालन पूरी तरह ठप रहा. इससे आम यात्रियों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. चालकों की मुख्य मांगें व्यावसायिक वाहनों पर दो वर्ष की टैक्स छूट, हर साल टैक्स में पाँच प्रतिशत वृद्धि के नियम को समाप्त करना और ऋषिकेश आरटीओ कार्यालय में फिटनेस सेंटर को शीघ्र शुरू करना हैं. यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि चारधाम यात्रा सीजन सुस्त रहने से चालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, ऐसे में सरकार को राहत देनी चाहिए.

नई टिहरी में दिखा व्यापक असर नई टिहरी में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. बस अड्डों और टैक्सी स्टैंडों पर सन्नाटा पसरा रहा. यदि कोई डग्गामार वाहन सड़कों पर दिखाई दिया तो यूनियन सदस्यों ने उसे रोक दिया. टिहरी गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (टीजीएमओ) के कार्यालय में ट्रक, बस, विक्रम, ई-रिक्शा और अन्य यूनियनों की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें सभी प्रतिनिधियों ने सरकार की अनदेखी पर नाराजगी जताई. सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि सरकार की ओर से पूर्व में दिए गए आश्वासनों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

संयोजक संजय शास्त्री ने बताया कि सभी यूनियनों की सहमति से 29 अक्टूबर को चक्का जाम का निर्णय लिया गया था. मांगें न पूरी होने तक आन्दोलन जारी इस बीच, ट्रांसपोर्टरों को मनाने के लिए एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत बैठक में पहुंचे. उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की 10 में से 8 मांगों पर मुख्यालय स्तर पर सहमति बन चुकी है, जिनमें टैक्स माफी, फिटनेस प्रक्रिया बहाली और किराया वृद्धि प्रस्ताव शामिल हैं. हालांकि ट्रांसपोर्टरों ने लिखित आश्वासन की मांग करते हुए कहा कि जब तक उन्हें ठोस आदेश नहीं मिलते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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