शादी में महिलाओं ने ज्यादा गहने पहने तो लगेगा 50 हजार जुर्माना, उत्तराखंड के दो गांवों का अनोखा फरमान

शादी में महिलाओं ने ज्यादा गहने पहने तो लगेगा 50 हजार जुर्माना, उत्तराखंड के दो गांवों का अनोखा फरमान
By : | Updated at : 29 Oct 2025 01:51 PM (IST)

उत्तराखंड के देहरादून जनपद के जौनसार-बावर क्षेत्र में दो गांवों ने एक अनोखी पहल की गई है जिसे लेकर चर्चाएं तेज हो गईं हैं. चकराता ब्लॉक के कंदाड़ और इंद्रोली गांवों में अब शादी या किसी भी सामाजिक समारोह में महिलाएं केवल तीन गहने मंगलसूत्र, कान के कुंडल और नाक की फुली ही पहन सकेंगी. अगर कोई महिला इस नियम का उल्लंघन करती है तो उसे 50 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. गांव वालों का कहना है कि इस निर्णय का मकसद समाज में सादगी और समानता को बढ़ावा देना है. ग्रामीणों के अनुसार, बीते वर्षों में शादी-ब्याह के अवसरों पर गहनों और परिधानों में दिखावे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर अनावश्यक बोझ पड़ रहा है.

गांव के बुजुर्गों ने लिया फैसला कई परिवार सामाजिक प्रतिस्पर्धा के चलते कर्ज लेकर शादियों में गहनों और तामझाम पर खर्च कर रहे थे. इस पर रोक लगाने और समाज में समानता कायम करने के लिए यह नियम सर्वसम्मति से पारित किया गया. गांव के बुजुर्गों और सामाजिक संगठनों ने सामूहिक बैठक कर यह फैसला लिया. ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई दंडात्मक आदेश नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार का प्रयास है. उनका उद्देश्य है कि विवाह समारोहों में सादगी अपनाई जाए और गरीब परिवार भी बिना दबाव के अपने बच्चों की शादी कर सकें.

दिखावे की होड़ के रोकने की कोशिश गांव की महिला प्रतिनिधियों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है. उनका कहना है कि यह पहल दिखावे की होड़ को खत्म करेगी और समाज में सौहार्द और एकता का संदेश देगी. ग्रामीणों का मानना है कि परंपराओं का सम्मान करते हुए बदलाव की दिशा में आगे बढ़ना जरूरी है, ताकि अगली पीढ़ी को एक संतुलित सामाजिक माहौल मिल सके. कंदाड़ और इद्रोली गांवों का यह फैसला अब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है. इसे एक सकारात्मक सामाजिक आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है, जो सादगी और समानता की दिशा में उत्तराखंड के पर्वतीय समाज की नई सोच को दर्शाता है.

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