'मैं पानी पिलाने नहीं आया हूं...', जब इस भारतीय खिलाड़ी ने कप्तान धोनी और कोच कर्स्टन को सुनाई थी खरी-खरी

'मैं पानी पिलाने नहीं आया हूं...', जब इस भारतीय खिलाड़ी ने कप्तान धोनी और कोच कर्स्टन को सुनाई थी खरी-खरी
By : | Edited By: निधी बाजपेई | Updated at : 13 Oct 2025 12:35 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: 'मैं पानी पिलाने नहीं आया हूं...', जब इस भारतीय खिलाड़ी ने कप्तान धोनी और कोच कर्स्टन को सुनाई थी खरी-खरी. In context: भारतीय क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग मैदान पर जितने बेखौफ थे, टीम मैनेजमेंट के सामने भी उतने ही साफ-साफ बोलने वाले थे एक पुराने इंटरव्यू में सहवाग ने साल 2008 के ऑस्ट्रेलिया दौरे का ऐसा किस्सा सुनाया, जिसने सभी को चौंका दिया. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

भारतीय क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग मैदान पर जितने बेखौफ थे, टीम मैनेजमेंट के सामने भी उतने ही साफ-साफ बोलने वाले थे. एक पुराने इंटरव्यू में सहवाग ने साल 2008 के ऑस्ट्रेलिया दौरे का ऐसा किस्सा सुनाया, जिसने सभी को चौंका दिया. उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन थे और सहवाग को टीम में शामिल किए जाने के बावजूद प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठाया गया था.

सहवाग का गुस्सा, “मैं पानी पिलाने के लिए टीम में नहीं हूं”

सहवाग ने बताया कि जब उन्हें लगातार बेंच पर बैठाया गया, तो उन्होंने कप्तान और कोच दोनों से सीधे शब्दों में कह दिया,“अगर मुझे टीम में चुना है तो खिलाओ. मैं पानी पिलाने या डगआउट में बैठने नही आया हूं. अगर नहीं खिलाना है तो किसी और को मेरी जगह टीम में रख लो.”

इस बयान ने टीम मैनेजमेंट को हैरान कर दिया था. सहवाग का कहना था कि अगर खिलाड़ी टीम में है, तो उसे खेलने का मौका मिलना चाहिए, नही तो किसी युवा खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए ताकि उसे अनुभव हासिल हो.

धोनी ने गौतम गंभीर और उथप्पा को दी थी जगह

उस वक्त कप्तान एमएस धोनी ने टीम की रणनीति के तहत ओपनिंग जोड़ी में बदलाव किया था. सहवाग की जगह पर बतौर ओपनर पहले गौतम गंभीर और फिर रॉबिन उथप्पा को मौका दिया गया, जिन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ पारी की शुरुआत की. इस फैसले से सहवाग बेहद नाराज हो गए थे क्योंकि उन्हें लगा कि फिट होने और टीम में चुने जाने के बावजूद उन्हें बाहर बैठाना गलत था.

सचिन तेंदुलकर ने बदला सहवाग का मन

गुस्से में सहवाग ने तो संन्यास लेने तक का मन बना लिया था, लेकिन तब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उन्हें समझाया और उनके इस फैसले को बदला. इसके कुछ साल बाद 2011 वर्ल्ड कप में वही सहवाग टीम इंडिया के लिए धमाकेदार शुरुआत दिलाने वाले खिलाड़ी साबित हुए.

2011 वर्ल्ड कप में दी शानदार वापसी

सहवाग ने 2011 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कई यादगार पारियां खेली और भारत को दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने में अहम भूमिका निभाई. 2008 का वो गुस्सा ही शायद उनकी वापसी की सबसे बड़ी प्रेरणा बन गया.

Content compiled and formatted by TheHeadlineWorld editorial team.

📚 Related News