कनाडा में भारतीय समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. हाल ही में भारत के नए उच्चायुक्त दिनेश के. पटनायक ने इस विषय पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उनके अनुसार, कई भारतीय नागरिक कनाडा में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना पड़ रहा है. दिनेश के.
पटनायक ने कहा कि यह स्थिति अजीब और चिंताजनक है कि उन्हें खुद भी यहां सुरक्षा की जरूरत महसूस हो रही है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई कनाडा में भारतीय सुरक्षित नहीं हैं? आइए इसका जवाब जानते हैं. भारतीयों के लिए सतर्कता जरूरी रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में कनाडा में भारतीय नागरिकों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. इनमें शोषण, हमले और असामाजिक घटनाएं शामिल हैं. हालांकि अधिकांश भारतीय लोग वहां सामान्य रूप से सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कुछ शहरों और इलाकों में उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्कता जरूरी हो गई है.
कनाडा की कानून व्यवस्था कमजोर कनाडा में भारतीयों के खिलाफ अपराध का कारण कई फैक्टर से जुड़ा है. इसमें सामाजिक असमानताएं, आर्थिक और सांस्कृतिक अंतर, और कुछ स्थानीय लोगों की नकारात्मक मानसिकता शामिल है. इसके अलावा, कानून व्यवस्था में भी कमजोरियों की वजह से कुछ अपराध बढ़ते हुए देखे गए हैं. भारतीय समुदाय के लिए यह जरूरी है कि वे किसी भी अप्रिय घटना की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें और सुरक्षा उपायों को अपनाएं. भारतीयों को सतर्कता की जरूरत! उच्चायुक्त की चेतावनी ने यह स्पष्ट कर दिया कि विदेश में रहने वाले भारतीयों को सिर्फ अपने कामकाज के लिए नहीं बल्कि सुरक्षा के लिए भी सतर्क रहना होगा.
कुल मिलाकर यह स्थिति कनाडा और भारतीय समुदाय दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण है. सवाल यह है कि क्या कनाडा अपनी कानून व्यवस्था और सामाजिक संरचना में सुधार कर सकेगा ताकि भारतीय और अन्य विदेशी नागरिक वहां सुरक्षित महसूस कर सकें. कनाडा में भारतीयों पर हमले हालांकि पिछले साल ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था, जिसमें पूजा करने आए भारतीय समुदाय के लोग निशाना बने थे. इसी तरह, टोरंटो और मिसिसौगा जैसे शहरों में कुछ भारतीय छात्रों और पेशेवरों के साथ सड़क पर छेड़छाड़ और झगड़े की घटनाएं सामने आई हैं. एक अन्य मामला मॉन्ट्रियल का है, जहां एक भारतीय परिवार को पड़ोसियों द्वारा लगातार धमकियां दी गईं.
कई रिपोर्ट्स में यह भी पाया गया कि कुछ भारतीय व्यवसायियों को उनकी दुकान या ऑफिस में हमलों और नुकसान का सामना करना पड़ा था.








