'अगर मुस्लिम समाज BJP को हराना चाहता है तो...', बसपा सुप्रीमो मायावती का बड़ा बयान

'अगर मुस्लिम समाज BJP को हराना चाहता है तो...', बसपा सुप्रीमो मायावती का बड़ा बयान
By : | Edited By: पुष्पेंद्र कुमार | Updated at : 29 Oct 2025 05:07 PM (IST)

बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए मुस्लिम समाज से सपा और कांग्रेस के बजाय बसपा को समर्थन देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम समाज बीजेपी की घातक राजनीति को हराना चाहता है, तो उसे एकजुट होकर बसपा के पक्ष में मतदान करना चाहिए. मायावती ने बुधवार ( 29 अक्टूबर) को लखनऊ में बसपा 'मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन' की विशेष बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में उन्होंने मुस्लिम समाज को बसपा से जोड़ने और पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को लंबे समय से मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिलता रहा है, लेकिन दोनों ही पार्टियां बीजेपी को हराने में असफल रही हैं.

मुस्लिम समाज का समर्थन मिले तो हम फिर बनाएंगे सरकार- मायावती मायावती ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक यह बात साफ है कि मुस्लिम समाज ने तन, मन और धन से सपा का साथ दिया, लेकिन बीजेपी सत्ता में वापस लौटी. इसके विपरीत, बसपा को जब मुस्लिम समाज का सीमित समर्थन मिला था, तब भी 2007 में हम बहुमत की सरकार बनाने में सफल रहे. सपा और कांग्रेस हमेशा रहे हैं दलित विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस दोनों ऐतिहासिक रूप से ‘दलित-विरोधी, पिछड़ा-विरोधी और मुस्लिम-विरोधी’ राजनीति करती रही हैं. उन्होंने कहा कि इन पार्टियों की गलत नीतियों और अवसरवादी राजनीति ने ही बीजेपी को उत्तर प्रदेश में मजबूत किया. सपा और कांग्रेस ने हमेशा बसपा को कमजोर करने के लिए हर संभव हथकंडा अपनाया, लेकिन बीजेपी को रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया.

मुस्लिम समाज की हमारी सरकार ने हमेशा की मदद- मायावती मायावती ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि बसपा सरकार ने मुसलमानों को सुरक्षा, सम्मान और प्रतिनिधित्व दिया. हमारी सरकार ने मुस्लिम समाज के जीवन, संपत्ति और आस्था की रक्षा की. हमने दंगों और सांप्रदायिकता पर कड़ा अंकुश लगाया और उत्तर प्रदेश को भय और अराजकता से मुक्त किया. उन्होंने कहा कि बसपा का मिशन सिर्फ सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुसलमानों और अन्य वंचित वर्गों को राजनीतिक सशक्तिकरण के माध्यम से सम्मानजनक जीवन दिलाना है. संगठन बैठक में बसपा के ये पदाधिकारी रहे मौजूद 'मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन' बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, मंडल प्रभारी और सभी जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे.

मायावती ने बूथ स्तर पर मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर नेताओं को निर्देश दिए और कहा कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से बाहर न रहे. मायावती के इस बयान को सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए एक नई चुनौती माना जा रहा है, क्योंकि आगामी चुनाव में बसपा मुस्लिम वोटों पर बड़ी सेंध लगाने की रणनीति पर काम कर रही है.

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