Gold Price Prediction: धनतेरस के बाद से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जबकि उससे पहले गोल्ड रेट्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर बने हुए थे. ऐसे में निवेशकों और ग्राहकों के मन में सवाल है कि क्या सोना खरीदने के लिए अभी इंतजार करना चाहिए या फिर मौजूदा रेट पर खरीदारी फायदेमंद रहेगी? आनंद राठी एंड स्टॉक ब्रोकर्स में कॉमर्स एंड करेंसीज के एवीपी मनीष शर्मा का कहना है कि फिलहाल सोने और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है. त्योहारी सीजन में जो तेजी दिखी थी, अब वह फीकी पड़ रही है. क्या हो सकती है निवेश रणनीति? करीब नौ हफ्तों तक लगातार बढ़त दर्ज करने के बाद अब कीमतों में गिरावट की मुख्य वजह भारत और चीन के बीच व्यापारिक प्रगति और वैश्विक बाजार में आपूर्ति बढ़ना है.
शर्मा के अनुसार, इन कारणों से निवेशकों ने चांदी बाजार में मुनाफावसूली (profit booking) शुरू कर दी है. 22 अगस्त से दिवाली तक सोना और चांदी दोनों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी. हालांकि, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने के बाद निवेशकों ने सुरक्षित निवेश (safe-haven asset) के रूप में सोना खरीदने से फिलहाल दूरी बनाई है. यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed) की दो दिवसीय नीतिगत बैठक बुधवार को समाप्त होगी, जिसके बाद ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा हो सकती है. हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम का ों पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान और टिप्पणियां निवेशकों की रणनीति को प्रभावित कर सकती हैं.
एक्सपर्ट की सलाह इससे पहले अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि इस हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात के दौरान ट्रेड डील पर चर्चा हो सकती है. इसके चलते निवेशकों का रुझान फिलहाल शेयर बाजार की ओर झुका हुआ है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में अभी अल्पकालिक सुधार (short-term correction) जारी रह सकता है. हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों (long-term investors) के लिए मौजूदा स्तर पर धीरे-धीरे खरीदारी शुरू करना फायदेमंद रह सकता है, क्योंकि साल के अंत तक डॉलर इंडेक्स में गिरावट और जियोपॉलिटिकल अस्थिरता एक बार फिर से गोल्ड को सहारा दे सकती है.







