फर्जी पार्टियां बनाकर वसूला 5,500 करोड़ का चंदा, आयकर विभाग ने की बड़ी कार्रवाई तो ऐसे हुआ खुलासा

फर्जी पार्टियां बनाकर वसूला 5,500 करोड़ का चंदा, आयकर विभाग ने की बड़ी कार्रवाई तो ऐसे हुआ खुलासा
By : | Updated at : 30 Oct 2025 01:45 PM (IST)

आयकर विभाग ने देशभर में फैली एक व्यापक जांच के दौरान 5,500 करोड़ रुपये के फर्जी राजनीतिक दान घोटाले का खुलासा किया है. यह घोटाला उन राजनीतिक दलों के माध्यम से किया गया जो Registered Unrecognised Political Parties (RUPPs) के नाम पर पंजीकृत तो थे, लेकिन असल में न तो सक्रिय थे और न ही स्वतंत्र रूप से राजनीतिक कामकाज कर रहे थे. विभाग की जांच के अनुसार, इन दलों को बिचौलियों और कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था. उनके पास लेखा पुस्तिकाएं, ऑडिट रिपोर्ट या वैध वित्तीय रिकॉर्ड नहीं थे. हजारों रसीदों पर एक जैसी हैंडराइटिंग पाई गई और कई मामलों में व्हाट्सएप चैट्स से समन्वित फर्जीवाड़े का प्रमाण मिला.

इन सभी दलों के माध्यम से “राउंड-ट्रिपिंग” के जरिए धन का लेनदेन किया गया यानी दानदाता इन पार्टियों को चंदा देते थे और पैसा कमीशन काटकर नकद में वापस उन्हीं को लौटा दिया जाता था. इसके बाद दानदाता आयकर अधिनियम की धारा 80GGC के तहत टैक्स कटौती का झूठा दावा करते थे. इस पूरी प्रक्रिया से सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जांच में शामिल 63 फर्जी राजनीतिक दलों की पूरी सूची जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस फर्जीवाड़े के नेटवर्क में कुल 63 राजनीतिक दल शामिल पाए गए हैं. इनमें बिहार की आम जनमत पार्टी, किसान पार्टी ऑफ इंडिया और प्रबल भारत पार्टी के साथ मध्य प्रदेश की भारतीय जन क्रांति दल, भारतीय सामाजिक पार्टी और राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां हैं.

गुजरात से सबसे ज्यादा दल जुड़े पाए गए, जिनमें भारतीय जन परिषद, भारतीय नेशनल जनता दल, भारतीय राष्ट्रीय तंत्र पार्टी, लोकशाही सत्ता पार्टी, राष्ट्रवादी जनता राज पार्टी, संपर्क विकास पार्टी, सत्य विकास पार्टी, स्वतंत्रता अभिव्यक्ति पार्टी, मदरलैंड नेशनल पार्टी, लोकतंत्र जागृत पार्टी, लोक कल्याण पार्टी, सत्ता कल्याण पार्टी, जन मन पार्टी, सौराष्ट्र जनता पक्ष, गुजरात जनता पंचायत पार्टी, न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी, राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्युलर), सत्यवादी रक्षक पार्टी, भारतीय जन समाधान पार्टी और युवा जनजागृति पार्टी शामिल हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश की भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी, एकजुट अधिकार पार्टी, इंडियन सवर्ण समाज पार्टी, राष्ट्रीय जन सहयोग पार्टी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक भारत विकास पार्टी, नेशनल सर्व समाज पार्टी, न्यू मदर लैंड पार्टी, समाज रक्षक पार्टी (भारतीय क्रांति), राष्ट्रीय विकासवादी जनता पार्टी, अपना देश पार्टी, आदर्शवादी पार्टी, आदर्शवादी पार्टी लोकतांत्रिक और लोकतांत्रिक युवा शक्ति पार्टी का नाम भी सूची में दर्ज है. दिल्ली से राष्ट्रीय समरसता पार्टी, पूर्वोत्तर पीपुल्स पार्टी, पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी और अखिल भारत हिंद महासभा का नाम सामने आया है. वहीं महाराष्ट्र की राष्ट्रीय उत्तर भारतीय समाज पार्टी, युवा भारत आत्मनिर्भर दल, जनतावादी कांग्रेस पार्टी, सरदार बल्लभभाई पटेल पार्टी, रिपब्लिकन बहुजन सेना, भारतीय लोकस्वराज्य पार्टी और अखिल भारतीय लोकअधिकार पार्टी इस घोटाले से जुड़ी बताई गई हैं. राजस्थान की भारतीय गरीब विकास कल्याण पार्टी, राष्ट्रीय सर्व मंच संगठन और सशक्त भारत पार्टी के अलावा हरियाणा की राष्ट्रीय विकास पार्टी, जन सेवक क्रांति पार्टी और भारतीय संत मत पार्टी भी जांच के दायरे में हैं.

दादरा और नगर हवेली की नवसर्जन भारत पार्टी और “राष्ट्रीय जनतराज पार्टी” (जिसकी स्थिति उपलब्ध नहीं बताई गई) को भी संदिग्ध सूची में शामिल किया गया है. आयकर विभाग की जांच में पाया गया कि ये दल स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहे थे, बल्कि एक केंद्रीकृत नेटवर्क के तहत संचालित थे. इन संगठनों का नियंत्रण कुछ ही व्यक्तियों या मध्यस्थों के पास था. हजारों रसीदों में एक जैसी हैंडराइटिंग और समान लेखांकन पैटर्न यह साबित करता है कि इन दलों को कागज़ी अस्तित्व के लिए ही बनाया गया था. आयकर विभाग के अनुसार इन नियमों का हुआ उल्लंघन विभाग ने पाया कि इन पार्टियों की गतिविधियों ने न केवल आयकर अधिनियम, बल्कि FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) और चुनावी फंडिंग से संबंधित नियमों का भी उल्लंघन किया है.

इन सबके कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा है और वैध टैक्स रिफंड की जगह फर्जी क्लेम्स के ज़रिए पैसा निकाला गया है. आयकर विभाग ने फील्ड यूनिट्स को निर्देश दिया है कि जो भी करदाता (Taxpayer) इन 63 पार्टियों को दान दिखाकर धारा 80GGC के तहत टैक्स छूट का दावा कर रहे हैं, उनकी जांच की जाए और आवश्यकता पड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए. साथ ही, चुनाव आयोग को इन पार्टियों की सूची भेजी गई है ताकि उनकी मान्यता रद्द करने और फंडिंग स्रोतों की स्वतंत्र जांच शुरू की जा सके.

📚 Related News