India's Industrial Production: अमेरिका के हाई टैरिफ का सामना कर रहे देशों के लिए जीडीपी ग्रोथ बनाए रखना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना एक बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे समय में जब भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, आर्थिक मोर्चे से एक सकारात्मक खबर सामने आई है. देश का औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) सितंबर में 4 प्रतिशत बढ़ा है. यह वृद्धि मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) के बेहतर प्रदर्शन की वजह से दर्ज की गई है. मंगलवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा गया औद्योगिक उत्पादन सितंबर 2024 में 3.
2 प्रतिशत बढ़ा था. विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों का प्रदर्शन एनएसओ ने अगस्त 2025 के औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के अस्थायी अनुमान को 4 प्रतिशत से संशोधित कर 4. 1 प्रतिशत कर दिया है. नए आंकड़ों के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन सितंबर में 4. 8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले यानी सितंबर 2024 में यह 4 प्रतिशत बढ़ा था.
हालांकि, खनन क्षेत्र (Mining Output) में 0. 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले इसमें 0. 2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई थी. बिजली उत्पादन में तेजी बिजली उत्पादन (Electricity Generation) में सितंबर 2025 में 3. 1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह वृद्धि केवल 0.
5 प्रतिशत थी. फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि 2024-25 की पहली छमाही में यह वृद्धि 4. 1 प्रतिशत रही थी. दूसरी ओर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बुधवार को यहां निर्यातक समुदाय (Exporters’ Community) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. इस बैठक में देश के निर्यात को और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी.
देश का निर्यात सितंबर में 6. 74 प्रतिशत बढ़कर 36. 38 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत का अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार अमेरिका को निर्यात पिछले महीने लगभग 12 प्रतिशत घटकर 5. 46 अरब डॉलर रह गया.
[पीटीआई इनपुट के साथ].








