बिहार की हॉट सीट मोकामा में इस बार क्या होगा ये तो चुनाव के नतीजों के बाद पता चलेगा लेकिन प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का दावा है कि इस बार जनता बाहुबलियों से छुटकारा पाना चाहती है. जन सुराज पार्टी ने इस सीट से पीयूष प्रियदर्शी को प्रत्याशी बनाया है. बुधवार (29 अक्टूबर, 2025) को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में पीयूष ने कहा कि हमें जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है. पीयूष परिदर्शी ने कहा कि हम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में आए हैं, लेकिन यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है अपराध, वह खत्म होगा और मोकामा में विकास हो जनता इसी बात को लेकर हमें समर्थन कर रही है. 'इस बार मोकामा में हम जीत हासिल करेंगे' उन्होंने बताया कि 20 वर्षों से लगातार क्षेत्र में बाहुबलियों का दबदबा रहा है.
महागठबंधन ने भी बाहुबली को ही चुनाव मैदान में लाया है. इस बार जनता बाहुबलियों से छुटकारा पाना चाहती है. पीयूष प्रियदर्शी ने दावा किया कि जब (2024 के लोकसभा चुनाव में) हम निर्दलीय लड़े थे तो 11 हजार वोट मिले थे. इस बार मोकामा में हम जीत हासिल करेंगे. जातीय समीकरण में हम सबसे ज्यादा मजबूत हैं.
क्या है मोकामा का जातीय समीकरण? मोकामा के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां सबसे अधिक भूमिहार जाति के मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर धानुक जाति है जो कुर्मी की उपजाति में आती है और यहां निर्णायक भूमिका में है. धानुक जाति हमेशा से नीतीश कुमार का समर्थन करती रही है. इस जाति के लोग अनंत सिंह के मूल वोटर माने जाते हैं. पीयूष प्रियदर्शी भी धानुक जाति से हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमा चुके हैं. मोकामा से उन्हें 11 हजार वोट मिला था. बता दें कि इस बार जेडीयू से अनंत सिंह चुनावी मैदान में हैं. उनको टक्कर देने के लिए तेजस्वी यादव ने आरजेडी से बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को चुनाव मैदान में उतारा है. यानी दो बाहुबलियों के बीच प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने पीयूष प्रियदर्शी को चुनाव मैदान में खड़ा कर दिया है.
कहीं न कहीं मोकामा में अब त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिख रहा है.








