'कर्नाटक में बढ़े महिलाओं के खिलाफ अपराध', BJP ने सिद्धारमैया सरकार पर बोला हमला

'कर्नाटक में बढ़े महिलाओं के खिलाफ अपराध', BJP ने सिद्धारमैया सरकार पर बोला हमला
By : | Edited By: Aryan Seth | Updated at : 17 Oct 2025 03:41 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: 'कर्नाटक में बढ़े महिलाओं के खिलाफ अपराध', BJP ने सिद्धारमैया सरकार पर बोला हमला. In context: कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त होने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि पिछले चार महीनों में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के 979 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 114 से अधिक मामले केवल बेंगलुरु के हैं. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त होने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि पिछले चार महीनों में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के 979 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 114 से अधिक मामले केवल बेंगलुरु के हैं.

अशोक ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NWC) की अध्यक्ष विजया किशोर राहटकर को पत्र लिखकर मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की है. अशोक ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘कर्नाटक की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. सिर्फ चार महीनों में युवतियों पर 949 यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए. अकेले बेंगलुरु में 114 से ज्यादा मामले आए हैं. हमारी महिलाएं और बच्चियां कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की आपराधिक निष्क्रियता के कारण डर में जीती हैं.'

महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराध में वृद्धि

उन्होंने कहा कि मैसूर की आदिवासी बच्ची के साथ क्रूर बलात्कार के बाद हत्या और कलबुरगी में उत्पीड़न के कारण लाइब्रेरियन की आत्महत्या जैसे मामले नैतिक और प्रशासनिक विफलताओं को दिखाते हैं.

अशोक ने गुरुवार को राहटकर को लिखे पत्र में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ जघन्य अपराधों में वृद्धि पर गहरा दु:ख और चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति एक मानवीय और नैतिक संकट प्रस्तुत करती है. भाजपा नेता ने आधिकारिक आकड़ों और मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि अपराध रोकने के उपाय पूरी तरह विफल रहे हैं.'

NWC से पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की सिफारिश

अशोक ने आयोग से अनुरोध किया कि वह इस मामले में खुद संज्ञान लें और उच्च-स्तरीय तथ्यान्वेषी प्रतिनिधिमंडल मैसूर, कलबुरगी और बेंगलुरु में भेजे और पिछले छह महीनों में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ हुए अपराधों पर राज्य सरकार और पुलिस से रिपोर्ट मांगे.

उन्होंने NWC से पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने, पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और महिला सुरक्षा तंत्र, जैसे हेल्पलाइन और आश्रय गृहों को पुनर्जीवित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करने का आग्रह किया है. उन्होंने लिखा, 'ऐसी क्रूरताओं के सामने सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता अस्वीकार्य है. अपने प्रगतिशील मूल्यों के लिए जाना जाने वाला कर्नाटक अपनी महिलाओं और बच्चों को डर और असुरक्षा में नहीं जीने दे सकता.'

Content compiled and formatted by The Headline World editorial team.

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