सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में हरी मटर की बहार छा जाती है लेकिन अगर आप चाहें तो ये ताजी, मीठी मटर आप अपने घर की बालकनी या छत पर भी उगा सकते हैं बस थोड़ा सा धैर्य, सही मिट्टी और थोड़ी सी देखभाल के साथ आप सर्दियों में हरी मटर का मजा ले सकतें हैं. हरी मटर के पौधे के लिए 10 से 12 इंच गहरा गमला सबसे अच्छा रहता है ध्यान रहे कि गमले के नीचे पानी निकलने के लिए छेद जरूर हो मिट्टी तैयार करने के लिए तीन चीजें मिलाएं एक हिस्सा गार्डन मिट्टी,एक हिस्सा गोबर की खाद या कंपोस्ट,एक हिस्सा रेत इस मिश्रण से पौधों को पोषण भी मिलेगा और मिट्टी में हवा भी बनी रहेगी. अब गमले में मटर के बीज 3-4 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं और एक-दूसरे से 10-15 सेंटीमीटर की दूरी रखें इससे पौधों को बढ़ने की जगह मिलती है बीज बोने के बाद हल्का पानी दें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे. मटर के पौधों को धूप बहुत पसंद है कोशिश करें कि गमले को ऐसी जगह रखें जहां दिन में कम से कम 6 घंटे सीधी धूप आती हो पानी नियमित दें लेकिन ध्यान रहे कि मिट्टी में पानी ज्यादा जमा न हो, वरना जड़ें सड़ सकती हैं. पौधे को दें सहारा जैसे-जैसे मटर की बेलें बढ़ती हैं उन्हें सहारे की जरूरत होती है इसके लिए आप लकड़ी की छड़ी, बांस या जाली का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि बेलें ऊपर चढ़ सकें.
खरपतवार को समय-समय पर निकालते रहें अगर कीड़े लग जाएं तो बाजार में मिलने वाले जैविक कीटनाशक या नीम के तेल का छिड़काव करें इससे पौधे स्वस्थ रहेंगे और फलियां जल्दी तैयार होंगी. लगभग 2 से 2. 5 महीने में पौधों पर फलियां आनी शुरू हो जाती हैं जब फलियां हरी और दाने भरे हुए दिखें तो उन्हें तोड़ लें समय पर तोड़ी गई मटर ज्यादा मीठी और स्वादिष्ट होती है.








