घर पर कैसे उगा सकते हैं बढ़िया गाजर? इस आसान तरीके को जानकर रह जाएंगे हैरान

घर पर कैसे उगा सकते हैं बढ़िया गाजर? इस आसान तरीके को जानकर रह जाएंगे हैरान
By : | Updated at : 15 Oct 2025 03:43 PM (IST)

आज के समय में सब्जियां खरीदना आसान हो गया है, लेकिन जब बात गाजर जैसी ताजी, रसीली और स्वच्छ सब्जी की आती है, तो घर पर उगाना सबसे बेहतर विकल्प साबित होता है. सोचिए, अपने ही बगीचे, बालकनी या छत पर उगी ताजी गाजर खाने का मज़ा कुछ और ही होता है. और अगर तरीका आसान हो, तो इसे हर कोई अपना सकता है. गाजर केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इसमें विटामिन A, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं.

रोज़ाना गाजर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, त्वचा स्वस्थ रहती है और इम्यूनिटी भी मजबूत होती है. ऐसे में अगर आप भी सोच रहे हैं कि घर पर गाजर उगाएं तो यह पूरी गाइड आपके लिए है. सही जगह और धूप गाजर उगाने के लिए सबसे पहले ज़रूरी है सही जगह का चयन. गाजर को पूरा दिन धूप मिलने वाली जगह पसंद है. अगर आप बालकनी या छत पर गाजर उगाने की सोच रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि वहां रोज़ाना 6 से 7 घंटे धूप आती हो.

धूप की कमी होने पर गाजर लंबी तो बढ़ सकती है, लेकिन उसका स्वाद और रंग कमजोर पड़ सकता है. मिट्टी और गमला गाजर को हल्की, रेत जैसी और जल निकासी वाली मिट्टी बहुत अच्छी लगती है. भारी या चिकनी मिट्टी में जड़ सही से नहीं बढ़ पाती. गमले का चयन करते समय ध्यान दें कि उसकी गहराई कम से कम 12 से 15 इंच हो, ताकि जड़ पूरी तरह विकसित हो सके. मिट्टी तैयार करने के लिए बगीचे की मिट्टी में थोड़ी रेत और गोबर की खाद मिला लें.

इससे पौधों को पोषण मिलेगा और मिट्टी ढीली रहेगी, जिससे गाजर सीधी और लंबी उगती है. बीज और बोने का तरीका गाजर के बीज छोटे होते हैं, इसलिए इन्हें हल्की मिट्टी की परत में 0. 5 से 1 सेंटीमीटर की गहराई में बोएं. बीजों के बीच 2 से 3 इंच की दूरी रखें, ताकि जड़ फैलने में आसानी हो. बीज बोने के बाद हल्का पानी दें और मिट्टी को नम बनाए रखें.

पानी और देखभाल गाजर को बहुत ज्यादा पानी पसंद नहीं है, लेकिन मिट्टी हमेशा हल्की गीली रहनी चाहिए. गर्मियों में दिन में एक बार हल्का पानी देना पर्याप्त है. अगर ज्यादा पानी दिया तो जड़ सड़ सकती है. बीज अंकुरित होने के बाद, सप्ताह में एक बार थोड़ी खाद डालें, जैसे गोबर की खाद या कम्पोस्ट. इससे पौधों को पोषण मिलेगा और गाजर मीठी और रसीली होगी.

जड़ और पकने का समय गाजर की जड़ 70 से 90 दिन में पक जाती है. गाजर का आकार और रंग मिट्टी की गुणवत्ता और पोषण पर निर्भर करता है. यदि गाजर बहुत मोटी या छोटी हो रही है, तो इसका मतलब है कि मिट्टी में पोषण की कमी है. गाजर को धीरे-धीरे निकालें और ज्यादा जोर न लगाएं, अन्यथा जड़ टूट सकती है. ताजी गाजर को तुरंत खाया जा सकता है या फ्रिज में रखकर कुछ दिन तक उपयोग किया जा सकता है.

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